जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी, 111 किसानों ने शुरू किया आमरण अनशन
खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन तेज हो गया है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ती जा रही है. वे पिछले 51 दिनों से अनशन पर हैं और अब उनके लिए पानी पीना भी मुश्किल हो गया है. डॉक्टरों का कहना है कि डल्लेवाल की हालत लगातार खराब हो रही है, उनके शरीर के कई अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं.
पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाले खनौरी बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन और तेज हो गया है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 51 दिनों से अनशन पर हैं, और उनकी सेहत काफी खराब हो गई है. हालत ये हो गई है कि अब उन्हें पानी पीने में भी मुश्किल हो रही है, क्योंकि उनके कई अंग ठीक से काम नहीं कर रहे हैं.
इस बीच, डल्लेवाल के समर्थन में 111 अन्य किसानों ने भी आमरण अनशन शुरू कर दिया है. ये किसान केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं और काले कपड़े पहनकर आंदोलन कर रहे हैं. अनशन शुरू करने से पहले किसानों ने प्रार्थना की.
हरियाणा की तरफ भारी पुलिस बल तैनात
खनौरी बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसान किसी तरह बॉर्डर पार न कर सकें. किसानों का कहना है कि वे भी अब आमरण अनशन करेंगे. बुधवार सुबह किसानों ने इलाके को खाली किया और फिर प्रार्थना के बाद अनशन की शुरुआत की.
डल्लेवाल की हालत लगातार बिगड़ी
किसानों का कहना है कि डल्लेवाल की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है और उनकी चिंता बढ़ रही है. एक किसान नेता ने कहा, "अब डल्लेवाल के लिए पानी पीना भी मुश्किल हो रहा है, यह चिंता की बात है." पहले किसानों का कहना था कि डल्लेवाल सिर्फ पानी पर जीवित हैं, क्योंकि वे कुछ खा नहीं रहे हैं. डॉक्टरों ने भी कहा है कि डल्लेवाल की तबीयत खराब हो रही है, उनका कीटोन लेवल बढ़ रहा है और मसल मास कम हो रहा है.
धरने पर बैठकर अनशन शुरू
इस बीच, 111 किसानों ने काले कपड़े पहनकर धरने पर बैठकर अनशन शुरू किया. किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा, "किसान बहुत भावुक हैं. हम डल्लेवाल की तबीयत को लेकर चिंतित हैं और अगर उन्हें कुछ हुआ तो हम भी उनके लिए बलिदान देंगे."
किसानों ने शुरू किया आमरण अनशन
किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आंदोलन चलने के इतने दिनों बाद भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. कोहर ने कहा, "हमारी एक ही मांग है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी वाला कानून बने. लेकिन सरकार ने इस पर अब तक कोई बयान नहीं दिया है." बता दें कि डल्लेवाल, जो संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक हैं, पिछले साल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे थे.