जयपुर बम ब्लास्ट केसः 2008 बम कांड के सभी चार आरोपियों को दोषी करार, सोमवार को सुनाई जाएगी सजा
13 मई 2008 को जयपुर में माणक चौक खंडा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक कई बम धमाके हुए. इन धमाकों में 71 लोग मारे गए और 185 घायल हो गए. भीड़भाड़ वाले इलाकों में साइकिलों पर बंधे नौ अमोनियम नाइट्रेट बम 25 मिनट के भीतर फट गए. रामचंद्र मंदिर के पास एक जिंदा बम बरामद किया गया.

2008 के जयपुर बम विस्फोट मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने शुक्रवार को सभी चार आरोपियों को दोषी करार दिया. बम विस्फोट मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने फैसला सुनाते हुए आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ (निषेध) अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत दोषी करार दिया. सजा की अवधि सोमवार को घोषित की जाएगी. जयपुर ब्लास्ट मामले में 17 साल बाद फैसला आया है. 13 मई 2008 को जयपुर शहर में 15 मिनट के अंदर सात जगहों पर नौ बम धमाके हुए थे.
2008 जयपुर बम धमाकों का फैसला
लाइव बम मामले में चार आरोपियों शाहबाज हुसैन, सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ और सैफुर्रहमान पर फैसला सुनाया गया है. इनमें से दो आरोपी सैफ-उर-रहमान और मोहम्मद सैफ पहले से ही जयपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं, जबकि मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद जमानत पर बाहर हैं.
2008 में क्या हुआ था?
13 मई 2008 को जयपुर में माणक चौक खंडा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक कई बम धमाके हुए. इन धमाकों में 71 लोग मारे गए और 185 घायल हो गए. भीड़भाड़ वाले इलाकों में साइकिलों पर बंधे नौ अमोनियम नाइट्रेट बम 25 मिनट के भीतर फट गए. शाम 7:20 से 7:45 बजे के बीच. रामचंद्र मंदिर के पास एक जिंदा बम बरामद किया गया, जिसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया.
मामले की सुनवाई दिसंबर 2008 में शुरू हुई और कुल चार आरोपपत्र दायर किए गए, इनमें से आखिरी 2011 में दायर किया गया था. 8 अगस्त 2020 को जयपुर की ट्रायल कोर्ट ने एक आरोपी शाहबाज हुसैन उर्फ शाहबाज अहमद उर्फ शानू को बरी कर दिया, जिसने कथित तौर पर आतंकवादी संगठन आईएम की ओर से एक ईमेल भेजकर सीरियल धमाकों की जिम्मेदारी ली थी.