जयशंकर की अमेरिका यात्रा: ट्रम्प प्रशासन से भारत के लिए क्या लेकर आएगा नया बदलाव

विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी पहली अमेरिका यात्रा पर जा रहे हैं, जो डोनाल्ड ट्रम्प की राष्ट्रपति जीत के बाद हो रही है. इस यात्रा के दौरान वे भारतीय राजनयिकों से मिलकर ट्रम्प प्रशासन के साथ भारत के रिश्तों को लेकर दिशा-निर्देश देंगे. साथ ही, जयशंकर अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात कर भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे. क्या ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में भारत के लिए नए अवसर आएंगे जानें, इस यात्रा में क्या खास होने वाला है!

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Jaishankar US Visit: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी पहली अमेरिका यात्रा पर जा रहे हैं, जो खास तौर पर डोनाल्ड ट्रम्प की हालिया राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद महत्वपूर्ण बन गई है. यह यात्रा 24 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलेगी और इस दौरान जयशंकर अमेरिका में तैनात भारतीय राजनयिकों से मुलाकात करेंगे और उन्हें आगामी ट्रम्प प्रशासन के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश देंगे.

क्या उम्मीद करें? 

इस यात्रा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अमेरिका में ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल से पहले हो रही है. हालांकि, इस समय जो बाइडेन प्रशासन अभी भी सत्ता में है, लेकिन जयशंकर का यह दौरा भारत और ट्रम्प प्रशासन के बीच रिश्तों की दिशा को समझने और उसे आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर अमेरिका में अपने समकक्ष एंथनी ब्लिंकन और अन्य प्रमुख अधिकारियों से मुलाकात करेंगे, जिसमें भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा होगी.

भारत और अमेरिका के रिश्तों में निरंतरता

डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद, भारत को उम्मीद है कि अमेरिका के साथ रिश्ते पहले की तरह मजबूत बने रहेंगे. जब ट्रम्प ने पिछली बार सत्ता संभाली थी, तो भारत ने अमेरिका के साथ गहरे रिश्ते बनाने में महत्वपूर्ण कदम उठाए थे और अब भी यही उम्मीद जताई जा रही है कि ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में यह सिलसिला जारी रहेगा. ट्रम्प प्रशासन के दौरान, भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, व्यापार और तकनीकी क्षेत्रों में कई अहम समझौते हुए थे, जिनकी उम्मीद है कि ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में भी यही जारी रहेंगे.

खालिस्तानी मुद्दे पर भारत और अमेरिका के रिश्ते

इस यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू और हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कुछ तनाव बढ़ा है. हालांकि, ट्रम्प के ओवल ऑफिस में वापस आने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि भारत-अमेरिका संबंधों में और सुधार हो सकता है, क्योंकि ट्रम्प ने हमेशा भारत के प्रति सकारात्मक रुख अपनाया है.

क्या बदलाव देखेंगे भारत-अमेरिका रिश्ते?

भू-राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद भारत-अमेरिका रिश्तों में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा. दोनों देशों के बीच जो पहलों की शुरुआत की गई थी, जैसे कि क्वाड, वह और भी मजबूत और विस्तारित होंगी. इसके साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सौदे भी बड़े होंगे, जिसमें खासकर चीन को लेकर दोनों देशों का सहयोग बढ़ेगा. हालांकि, कुछ मुद्दों पर सतर्कता जरूर रहेगी, जैसे कि ट्रम्प के पारस्परिक टैरिफ लगाने की नीति, कठोर आव्रजन नीतियां और पर्यावरण से जुड़े मुद्दे.

जयशंकर की यात्रा: क्या है अगला कदम?

इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करना है. जयशंकर भारतीय राजनयिकों को आने वाली चुनौतियों और ट्रम्प प्रशासन के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी देंगे, ताकि भारत अमेरिका के साथ बेहतर संबंध बनाए रख सके. हालांकि, इस यात्रा के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि क्या ट्रम्प प्रशासन और भारत के रिश्तों में कोई नई दिशा मिलेगी. इस समय जब अमेरिका और भारत के रिश्ते अहम मोड़ पर हैं, एस जयशंकर की यह यात्रा दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है. First Updated : Tuesday, 24 December 2024