अभी हाल ही में अपने एक फिल्म देखि होगी कांतारा इस फिल्म का जादू हर जगह छाया था , अगर अपने इस फिल्म को देखा होगा तो इसमें जल्लीकट्टू का खेल दिखाया गया , और सिर्फ इसी फिल्म में नहीं बल्कि साउथ की फिल्मों में अक्सर ही ये देखा जाता है की मेल एक्टर की स्ट्रेंथ दिखाने के लिए जल्लीकट्टू का खेल दिखाया जाता है। .. तो क्या है जल्लिकट्टु का खेल और ये इतना चर्चा का विषय क्यू बना हुआ है हम आपको इसे रिपोर्ट में बताते है  लेकिन उससे पहले अगर आपने हमारे चैनल को सब्स्क्राइब नहीं की है तो फताफट कर लें , और साथ में बेल आइकॉन को भी प्रेस कर दे नमस्कार  ... 

दरअसल जल्लीकट्टू खेल भारत के केरल राज्य में खेला जाता है। और ये केरल के सबसे पुराने खेलों में से एक है, और इस खेल को आज भी खेला जाता है। आप जब भी इस खेल को देखेंगे तो आपको ये खेल दंगल जैसा लगेगा , क्यू की इसमें दो टीमें होती हैं, और हर एक टीम में 7-15 खिलाड़ी होते हैं। इस खेल में , एक टीम के सदस्य को दूसरी टीम के सदस्य डराते , पकड़ते और उन्हें दूसरी टीम की लाइन के बाहर निकालने की कोशिश करते है। इसे खेल के लिए एक स्पेशल ग्राउंड होती है, जिसे "जल्ली" कहा जाता है। ..... और ये खेल तमिलनाडु में हर साल खेला जाता है, लेकिन इस खेल में जानवरों पर क्रूरता की जाती है, ऐसा पशु प्रेमियों का मानना है। ... इन्ही सब को देखते हुए कुछ लोगो ने इस खेल को बैन करने की सरकार से अपील थी लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने खेल जल्लीकट्टू को सही माना और इस पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को अनुमति देने वाले राज्य सरकार के कानून को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है . और तो और इसमें हिस्सा लेने वाले बैलों के साथ क्रूरता का हवाला देते हुए कानून रद्द करने की मांग की गई थी. और साथ ही तमिलनाडु के कानून को संसद से पास पशु क्रूरता निरोधक कानून का उल्लंघन बताया गया था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की - नए कानून में क्रूरता के पहलू का ध्यान रखा गया है. यह खेल सदियों से तमिलनाडु की संस्कृति का हिस्सा है. इसे बाधित नहीं किया जा सकता. अगर कोई पशुओं से क्रूरता करे तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो.