देर आए दुरुस्त आए! जम्मू-कश्मीर चुनाव पर क्या बोले स्थानीय नेता?
Jammu and Kashmir Assembly Elections 2024: जम्मू कश्मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. इसके बाद लंबे समय से पार्टियों का इंतजार खत्म हो गया. प्रदेश के पुनर्गठन और धारा 370 हटने के बाद ये पहले चुनाव हो रहे हैं और राज्य में ये चुनाव 10 साल बाद हो रहे हैं. आइये ऐसे में जानते हैं फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, गुलाम नबी आज़ाद समेत अन्य नेताओं ने क्या कहा है?
Jammu and Kashmir Assembly Elections 2024: शुक्रवार को दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू कश्मीर के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. जम्मू कश्मीर में 3 चरणों में मतदान कराए जाएंगे. इसके बाद 4 अक्टूबर को इसके परिणाम आएंगे. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद वहां के नेताओं में खुशी है. हालांकि, उन्होंने भाजपा पर कटाक्ष के साथ इसे जताया है. आइये जानें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, गुलाम नबी आज़ाद समेत अन्य स्थानीय नेताओं ने चुनावों को लेकर क्या कहा है?
चुनाव आयोग ने शुक्रवार यानी 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान किया. जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 3 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग होगा. हरियाणा में एक चरण में केवल 1 अक्टूबर को मतदान होंगे. सभी के रिजल्ट 4 अक्टूबर का देश के सामने आएंगे.
नेताओं ने क्या-क्या कहा?
उमर अब्दुल्ला: 18 सितंबर से शुरू होने वाले चुनावों की घोषणा लंबी प्रतीक्षा का अंत है. देर आए दुरुस्त आए. हालांकि, ये चुनाव 1987-88 के बाद पहले सबसे कम समय में होने वाले चुनाव होंगे. पहले प्रदेश में चुनाव 5 से 6 चरण में होते थे. हालांकि, ये अब दलों के निए नए प्रयोग होंगे. हम बिना किसी पूर्व गठबंधन के लिए प्रचार को तैयार हैं.
फारूक अब्दुल्ला: मैं ऊपर वाले का धन्यवाद करता हूं. यह एक असामान्य रूप से लंबा गैप था. आखिरी चुनाव 2014 में हुए थे. हम चाहते हैं कि स्टेटहुड आए, न सिर्फ नेशनल कॉन्फ़्रेंस बल्कि जम्मू कश्मीर सभी दलों के इसके लिए एक होना चाहिए.
इल्तिजा मुफ्ती: चुनाव आयोग को छह साल क्यों लगे. पिछले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर के लोगों के मौलिक अधिकार रद्द रहा. केंद्र ने लोगों पर चुनावों की घोषणा करके कोई उपकार नहीं किया. लोकतंत्र में चुनना एक मौलिक अधिकार है. हमें पता है कि LG का प्रशासन पक्षपाती है. खैर चुनावों से हमें खुशी है.
रविंदर शर्मा: लोग 2018 में PDP-BJP सरकार के गिरने के बाद इंतजार कर रहे थे. हम आशा करते हैं कि सभी को समान अवसर मिलेगा.
गुलाम नबी आज़ाद: हमें पूरी आशा है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे. हालांकि, मतदाताओं की सुरक्षा को लेकर चिंता है. हमें पूरी आशा है कि मतदाताओं, नेताओं, उम्मीदवारों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा.