J&K Election: तीसरे चरण में रिकॉर्ड मतदान, उधमपुर ने बनाया नया मुकाम, शाम 5 बजे तक 65.48 प्रतिशत
J&K Election: जम्मू-कश्मीर में तीसरे और अंतिम चरण के मतदान में 65.48 प्रतिशत वोटिंग हुई, जिसमें उधमपुर ने 72.91 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक मतदान किया. यह चुनाव अनुच्छेद 370 के बाद का पहला विधानसभा चुनाव है और यहां कई प्रमुख नेता प्रचार में जुटे हैं. खास बात यह है कि पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी भी पहली बार वोट डाल रहे हैं. अब सबकी नजरें 8 अक्टूबर को होने वाली मतगणना पर हैं. जानिए इस चुनाव में और क्या खास है!
J&K Election: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में तीसरे और अंतिम चरण के मतदान में जोरदार भागीदारी देखने को मिली है. चुनाव आयोग के अनुसार, मंगलवार शाम 5 बजे तक 65.48 प्रतिशत मतदान हुआ. यह आंकड़ा उन लोगों के लिए उत्साहजनक है जो जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली की उम्मीद कर रहे थे.
इस चरण में उधमपुर ने सबसे अधिक 72.91 प्रतिशत मतदान के साथ बढ़त बनाई. इसके बाद सांभा में 72.41 प्रतिशत, कठुआ में 70.53 प्रतिशत और जम्मू में 66.79 प्रतिशत मतदान हुआ. कश्मीर घाटी के क्षेत्रों में भी मतदान हुआ, जहां बांदीपोरा में 63.33 प्रतिशत और बारामुल्ला में 55.73 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
अनुच्छेद 370 का असर
यह चुनाव अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर में हो रहे पहले विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह राजनीतिक बदलाव और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. 40 निर्वाचन क्षेत्रों में से 24 जम्मू संभाग में हैं, जबकि बाकी कश्मीर घाटी में हैं.
उम्मीदवारों की भरपूर संख्या
तीसरे चरण में कांग्रेस के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद और मुजफ्फर हुसैन बेग सहित कुल 415 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. यह चुनाव कई हाई-प्रोफाइल नेताओं के प्रचार का भी गवाह रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने चुनावी रैलियों में हिस्सा लिया और अपने-अपने दलों के लिए वोट मांगे.
पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों का मतदान
इस बार, पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी समुदाय भी पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहा है. दरअसल अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद उन्हें नागरिकता प्राप्त हुई है जो उनकी राजनीतिक भागीदारी के लिए एक नया अवसर प्रदान करता है.
मतों की गिनती का दिन
पहले और दूसरे चरण में क्रमशः 61.13 प्रतिशत और 56.31 प्रतिशत मतदान हुआ था. अब 8 अक्टूबर को मतदान की गिनती होगी, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार है. चुनाव परिणाम यह तय करेंगे कि जम्मू-कश्मीर में अगला राजनीतिक दौर कैसा होगा. जम्मू-कश्मीर में चुनाव न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक हिस्सा हैं, बल्कि यह राज्य की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं.