Jammu Kashmir Assembly Election: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला फिर से अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखेगी. इसके साथ ही उन्होंने कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी को निशाने में लेते हुए PM मोदी, रक्षा मंत्री अमित शाह और योगी आदित्यनाथ से सवाल किए हैं. फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र के फैसले को एकतरफा और अन्यायपूर्ण बताया है.
फारूक अब्दुल्ला बुढल में पार्टी उम्मीदवार जावेद इकबाल के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले को "एकतरफा" और "अन्यायपूर्ण" बताया है. उनका कहना है कि इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी अनुच्छेद 370 पर बहुत कुछ कहती है. मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि 1927 में महाराजा हरि सिंह ने एक कानून बनाया था जब न पाकिस्तान था और न पंजाब इतना समृद्ध था. महाराजा ने महसूस किया कि अगर पंजाबी इस तरफ आएंगे तो हमारी जमीन और नौकरियां कहां जाएंगी? इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कानून बनाया, जो बाद में अनुच्छेद 370 में बदल गया.
उन्होंने कहा कि यह कानूनी लड़ाई है. यदि आप सुप्रीम कोर्ट के पहले दो निर्णय देखें तो उन्होंने इसे अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी कहा था. हम बार-बार सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और अनुच्छेद 370 की बहाली की लड़ाई लड़ेंगे.
बीजेपी पर सवाल उठाते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यदि अनुच्छेद 370 आतंकवाद का कारण था. इसे हटाए जाने के पांच साल बाद भी आतंकवादी हमले क्यों हो रहे हैं? 370 हटने के बाद से लोगों की कठिनाइयां बढ़ी हैं. आज हमारी जमीन छीनी जा रही हैं और नौकरियां छीनी जा रही हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में बाहरी ठेकेदारों को प्राकृतिक संसाधनों की माइनिंग का अधिकार देने की आलोचना की. उन्होंने कहा कि आज आप नदियों से एक चम्मच रेत भी नहीं ले सकते क्योंकि सभी ठेकेदार बाहर से हैं. इसी तरह, कई परियोजनाओं में बाहरी लोग लगे हुए हैं. हमें इसे समाप्त करना होगा.
बीजेपी द्वारा नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर गुज्जर और पहाड़ी आरक्षण को खत्म करने की कोशिशों के आरोप पर फारूक ने कहा कि मैं बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि पहाड़ियों को एसटी का दर्जा संसद चुनावों से ठीक पहले क्यों दिया गया, पहले क्यों नहीं? इसके बाद उन्होंने अयोध्या के एक मंदिर में दलित महिला के कथित बलात्कार पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाए.