जम्मू-कश्मीर में BJP से अलग राह पर नीतीश की JDU, चर्चा में घोषणापत्र

Jammu Kashmir Assembly Election: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव JDU के लिए ने घोषणा पत्र में पत्थरबाजों और राजनीतिक बंदियों की रिहाई का वादा किया है. JDU ने दावा किया है कि उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय को 840 पत्थरबाजों के मामलों की समीक्षा करने और उन्हें जेल से रिहा करने के लिए लिखा है. जनता दल (यूनाइटेड), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले एनडीए की सहयोगी है. ऐसे में उनके घोषणा पत्र की चर्चा होने लगी है.

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Jammu Kashmir Assembly Election: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. बीजेपी-कांग्रेस के साथ ही अन्य क्षेत्रीय दलों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. इस बीच केंद्र में भाजपा की सहयोगी नीतीश कुमार की JDU ने भी घाटी में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पार्टी की ओर से जारी किया गया घोषणा पत्र अब चर्चा में आ गया है. जनता दल यूनाइटेड ने दावा किया है कि उसने 840 पत्थरबाजों के मामलों की समीक्षा करने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. ऐसे में अब देश में पार्टी के घोषणा पत्र की चर्चा होने लगी है.

JDU ने पहले चरण के मतदान के लिए दो उम्मीदवार उतारे हैं. जेडीयू के घोषणा पत्र में लिखा है कि शांति और सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक बंदियों और पत्थरबाजों के मामलों की समीक्षा करें और उनकी रिहाई की प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयास होंगे. पार्टी की राज्य इकाई ने यह भी दावा किया है कि गृह मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखा गया है.

पार्टी अध्यक्ष ने किया वादा

जम्मू कश्मीर JDU अध्यक्ष जीएम शाही ने कहा कि घाटी के विभिन्न हिस्सों से 840 पत्थरबाजों की जानकारी है. ये फिलहाल जेल में बंद हैं. उन्हें तब पकड़ा गया था जब नेशनल कांफ्रेंस या पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सत्ता में थी. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें पैसे के लिए युवाओं को गिरफ्तार कर रही थीं. हमने इसी कारण गृह मंत्रालय से मामलों की समीक्षा की मांग की है.

शाही ने आगे कहा, कि हमने लोगों से उनकी रिहाई का वादा किया है और पार्टी इस पर केंद्र के साथ सक्रिय रूप से काम कर रही है. हमने राजनीतिक बंदियों के लिए भी सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है.

जेडीयू का रुख बीजेपी से कैसे अलग है?

हाल ही में जारी पार्टी के घोषणा पत्र में जनता दल (यूनाइटेड) ने जम्मू और कश्मीर को एक अग्रणी राज्य बनाने और वहां के निवासियों के लिए समृद्धि और गरिमा सुनिश्चित करने का भी वादा किया है. इसमें लिखा गया है कि हमारा घोषणा पत्र जम्मू और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं और आत्म-सम्मान को बहाल करने के हमारे वादे को दर्शाता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू ने अपना रुख स्पष्ट किया है.

वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों या पत्थरबाजों के करीबी रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने न केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया है. बल्कि आतंकवाद के ढांचे को भी ध्वस्त किया है. परिणामस्वरूप देश भर में आतंकवाद की घटनाओं में काफी कमी आई है.

JDU घाटी में कर रही है बात

चुनावों में भाग लेने के अलावा जेडीयू की जम्मू कश्मीर घाटी में अलगाववादियों और इस्लामी विद्वानों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है. पार्टी इसे संबंध बनाने के लिए पुल के रूप में सेवा करने का वर्णन करती है. प्रदेश अध्यक्ष शाही ने कहा कि हमने दूसरे और तीसरे चरण में उन उम्मीदवारों को उतारा है जिन्होंने पहले मुख्यधारा का हिस्सा नहीं बनने का फैसला किया था.

First Updated : Saturday, 31 August 2024