J&K Assembly Election: नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा से आग्रह किया कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों को नामांकित न करें. उन्होंने कहा कि ऐसा कदम केवल नए निर्वाचित सरकार और केंद्र के बीच तनाव को बढ़ाएगा. भाजपा को बहुमत हासिल करने में यह नामांकन कोई मदद नहीं करेगा और इस प्रक्रिया से केवल नए सरकार और केंद्र के बीच खटास पैदा होगी. इसके साथ ही उन्होंने ऐसा होने पर सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी भी दी है.
एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 49 सीटें जीतीं. जबकि, भाजपा ने 29 सीटें हासिल कीं. 46 सीटों के साधारण बहुमत के मुकाबले गठबंधन के पास 3 सीटें ज्यादा हैं. हालांकि, उपराज्यपाल द्वारा 5 अतिरिक्त सदस्यों के नामांकन से विधानसभा की कुल सीटें 95 हो जाएंगी और बहुमत का नया आंकड़ा 48 हो जाएगा, जिससे नई सरकार को केवल 1 सदस्य का बहुमत मिलेगा, जो सरकार को अस्थिर कर सकता है.
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि अगर ऐसा कोई नामांकन किया गया तो नई सरकार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा. इससे जम्मू-कश्मीर और केंद्र सरकार के बीच संबंधों में खटास आएगी. उन्होंने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी होगी और इस कदम से हमारे रिश्ते पहले ही दिन से तनावपूर्ण हो जाएंगे, जो कि हम नहीं चाहते.
अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर इस समय दिल्ली के साथ तनावपूर्ण संबंधों का जोखिम नहीं उठा सकता. क्योंकि क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए केंद्र की मदद जरूरी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर को दिल्ली से सहयोग की आवश्यकता है और किसी भी प्रकार का तनाव राज्य के विकास में बाधक होगा.
अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि भाजपा को 5 सदस्यों का नामांकन करवा कर भी सरकार बनाने का अवसर नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि मैं उन्हें सुझाव दूंगा कि ऐसा न करें. इन 5 सदस्यों को नामांकित करने से सरकार नहीं बदलेगी, तो इसका क्या फायदा? आप केवल 5 लोगों को विपक्ष में बैठने के लिए नामांकित कर रहे हैं?