क्या फिर मोदी की होंगी महबूबा? घाटी में पस्त होगी BJP या निकलेंगे ये रास्ते
Jammu Kashmir Assembly Election: नए कश्मीर का वादा, 370 हटाने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी जम्मू-कश्मीर में कुछ खास प्रदर्शन करते नजर नहीं आ रही है. हालांकि, अभी चुनावी नतीजे नहीं आए हैं लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़ों को लेकर चर्चा चलने लगी हैं कि क्या BJP को महबूबा मुफ्ती का साथ मिलेगा? आइये जानें BJP के विकल्पों के बारे में..
Jammu Kashmir Assembly Election: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव हो गए हैं. इसके लिए 3 चरणों में मतदान हुए. अब रिजल्ट की बारी है. इससे एग्जिट पोल सामने आए हैं. इसी के आधार पर चर्चा होने लगी है कि क्या अब BJP एक बार फिर महबूबा मुफ्ती का साथ लेकर सरकार बनाने की कोशिश करेगी और क्या उसे उनका साथ मिल जाएगा. आइये समझते हैं घाटी में भारतीय जनता पार्टी के सामने क्या-क्या विकल्प है और उनपर कैसे कैंसे काम हो सकता है?
आंकड़ों पर गौर किया जाए तो BJP के लिए सरकार बनाना आसान नजर आ रहा है लेकिन वो इतना आसान नहीं है. क्योंकि, अन्य दलों में इजीनियर रशीद सरीके नेताओं का भी नाम है जो बीजेपी के लिए हानिकारक हो सकते हैं. वहीं महबूबा मुफ्ती का रुख भी कुछ साफ नहीं है. आइये समझें घाटी में पस्त होगी BJP या निकलेगा कोई और रास्त?
एग्जिट पोल के आंकड़
5 अक्टूबर खत्म हुए चुनावी मतदान के बाद एग्जिट पोल सामने आए हैं. इसमें किसी भी दल को बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है. देश की 10 बड़ी एजेंसियों के द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल के औसत पर नजर डालें तो जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों में से भाजपा को 28, कांग्रेस+NC को 41, महबूबा मुफ्ती की PDP को 10 और अन्य दलों या निर्दलियों को 11 सीटें मिल सकती है.
क्या है चुनावी समीकरण?
घाटी में 90 सीटें हैं. यानी किसी भी दल को बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत होगी. ये जादुई आंकड़ा किसी के पास नहीं है. हालांकि, नए कानून के अनुसार, घाटी में राज्यपाल 5 विधायकों को नामांकित करते हैं. इनके पास वोटिंग राइट भी हैं. ऐसे में सीटें 95 हो जाती हैं और बहुमत का आंकड़ा 48 पहुंच जाता है. यानी किसी भी दल का सरकार बनाने के लिए 48 विधायकों समर्थन चाहिए होगा.
महबूबा का मिलेगा साथ!
अब सवाल उठता है कि एग्जिट पोल में 28 सीटें पाने वाली भाजपा इसे रिजल्ट में बदल पाती है तो क्या अपनी 10 सीटों के साथ प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री महूबा मुफ्ती उसका साथ देंगी. ऐसा इस लिए भी कहा जा रहा है क्योंकि उन्होंने एक बार BJP के साथ सरकार बनाई है. हलांकि, इन चुनावों से पहले वो BJP के साथ जाने से इनकार करती रही हैं.
क्या है +5 का फार्नूला?
जम्मू-कश्मीर में नए कानून के अनुसार राज्यपाल विधानसभा के लिए 5 सदस्यों को मनोनित करेंगे. सबसे खास बात ये की उनके पास वोटिंग राइट भी होंगे. ऐसे में ज्यादा संभावना है कि वो BJP को समर्थन दें. इसी बात को लेकर प्रदेश में अन्य दल विरोध करने लगे हैं.
ऐसे बन सकती है सरकार
प्रदेश में 90 सीटें हैं. इसमें से बीजेपी को 28, कांग्रेस+NC को 41, PDP को 10 और अन्य को 11 सीटे मिलती दिख रही हैं. ऐसे में कांग्रेस का गठबंधन 5 बहुमत से 5 सीट दूर है. अगर इसमें +5 वाला फार्मूला लगा दिया जाए तो ये गठबंधन 48 से 7 सीट दूर हो जाएगा. ऐसे में BJP सरकार बनाने के लिए दम लगा सकती है.
अब बीजेपी के विकल्पों की बात करें तो इसके पास 28 सीटें आती नजर आ रही है. इसमें पार्टी को 5 मनोनित विधायकों का साथ मिल जाएगा. यानी सरकार बनाने के लिए अब +5 फार्मूला लगाने के बाद 15 और विधायकों की जरूरत होगी. अब अगर PDP साथ देती है तो BJP को अन्य से 5 लोगों को अपने खेमे मे लाना पड़ेगा. वहीं अगर सभी 11 अन्य दलों और निर्दलियों का समर्थन मिल जाती है तो 4 विधायकों के लिए PDP, कांग्रेस-NC से उन्हें तोड़कर लाना होगा.