Jammu Kashmir Elections: कश्मीर एक ऐसा राज्य है जिसकी वादी में सुकून की प्राप्ति का अनुभव होता है पर कुछ आतंकियों और विवादों की वजह से वहां सिर्फ और सिर्फ अराजकता ही फैलती आई है. 2019 में जब धारा 370 को हटाया गया था तबसे कश्मीर केंद्र शासित राज्य बना हुआ है, उससे पहले 2014 में चुनाव हुए थे और एक बार फिर से कश्मीर की चर्चा तेज हो गयी है जिसका कारण है 10 साल बाद कश्मीर में एक बार फिर से विधानसभा चुनाव का होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि राज्य में 3 चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण 18 सितंबर, दूसरा 25 सितंबर और तीसरे चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. साथ ही 4 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान होगा. लेकिन उससे पहले हम जम्मू-कश्मीर विधानसभा के 3 चुनावों के बारे में डिटेल बताने जा रहे हैं.
कश्मीर हुआ विभाजित:
कश्मीर में आज से ठीक दस साल पहले यानि 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे और इस चुनाव के परिणाम काफी चौंकाने वाले थे क्यूंकि 2014 में किसी भी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल सका था. इसके बाद पीडीपी-भाजपा ने गठबंधन कर प्रदेश में सरकार बनाई थी. हालांकि आपसी मतभेदों के कारण भाजपा ने जून 2018 में अपना समर्थन वापस ले लिया था. जिसकी वजह से वहां पर सरकार गिर गई थी, तबसे जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार नहीं है. 2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 को निरस्त कर दिया गया. इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बदल दिया गया.
Jammu Kashmir Assembly Election Result 2014:
2014 की बात करें तो उस वक़्त जम्मू कश्मीर में कुल 111 सीटें थीं. इनमें से 24 सीटें पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर के लिए निर्धारित हैं. बाकी 87 सीटों पर चुनाव हुआ था, जिसमें लद्दाख की भी चार सीटें शामिल थीं. 2014 में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी लेकिन पीडीपी भी बहुमत का जादुई आंकड़ा नहीं जुटा सकी थी. ऐसे में पीडीपी ने भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी. वहीं अगर आकड़ों पर गौर किया जाये कि किस पार्टी को कितनी सीटें मिली थी वो कुछ इस प्रकार हैं.
पार्टी/सीटें
➤ जेकेपीडीपी- 28
➤ भाजपा- 25
➤ जेकेएनसी- 15
➤ कांग्रेस- 12
➤ सीपीआई(एम)- 01
➤ जेकेएनपीपी- 01
➤ आईएनडी- 03
➤ अन्य पार्टियाँ- 02
कुल सीटें-87
अगर बात करे 2014 से पहले के चुनाव के बारे में तो 2008 में वहां चुनाव हुए थे और उस वक़्त भी कुल 87 सीटों पर चुनाव लड़ा गया था. जिसके परिणाम कुछ इस इस प्रकार रहे.
पार्टी/सीटें
➤ जेकेपीडीपी- 21
➤ भाजपा- 11
➤ जेकेएनसी- 28
➤ कांग्रेस- 17
➤ सीपीआई(एम) - 01
➤ जेकेएनपीपी- 03
➤ आईएनडी- 04
➤ अन्य पार्टियाँ- 02
कुल सीटें- 87
2008 से पहले 2002 में भी 87 सीटों पर चुनाव लड़ा गया था जिसके परिणाम थे.
पार्टी/सीटें
जेकेपीडीपी- 16
भाजपा - 01
जेकेएनसी- 28
कांग्रेस- 20
सीपीआई(एम)- 02
जेकेएनपीपी- 04
आईएनडी- 13
अन्य पार्टियाँ- 03
कुल सीटें- 87
सीटों में हुई बढ़ोतरी
खैर ये तो थे जम्मू कश्मीर के आखिरी तीन चुनावों के नतीजे लेकिन 2020 में हुए परिसीमन के बाद कश्मीर में बहुत से बदलाव किये गए हैं. जिसमे जम्मू संभाग में 6 सीटें और कश्मीर संभाग में 1 सीट जोड़ी गई है. पहले विधानसभा की 111 सीटें थी और अब 114 हो गयी हैं. जिनमें से 24 सीटें पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के लिए तय हैं. बाकी 90 सीटों में से 43 सीटें जम्मू संभाग में और 47 सीटें कश्मीर संभाग में हैं. इस बार कुल मिलाकर 90 सीटों पर मतदान होगा और दोनों संभागों की 9 सीटें एसटी के लिए और 7 सीटें एसटी के लिए आरक्षित की गई हैं.