Jammu Kashmir : सिखों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 2 सीटें आरक्षित न होने पर दी चेतावनी, पलायन कर सकती है सिख आबादी
Parliament Session 2023 : जम्मू-कश्मीर के सिखों ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सिख अल्पसंख्यकों के लिए भी दो सीटें आरक्षित नहीं की गई तो वे पलायन कर जाएंगे.
Parliament Monsoon Session 2023 : केंद्र सरकार चालू मानसून सत्र में संसद में कई विधेयक को पेश कर रही है. सरकार ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रतिनिधित्व के विस्तार के संबंध में लोकसभा में विधेयक को पेश किया है. केंद्र सरकार के द्वारा पंडितों और पीओके शरणार्थियों के लिए जम्मू और कश्मीर विधानसभा में सीटें आरक्षित करने के फैसले पर राज्य के सिखों ने उनकी आबादी की अनदेखी करने पर चेतावनी दी है. साथ ही बड़े पैमाने पर पलायन करने की बात कही है.
सिख आबादी की मांग
जम्मू-कश्मीर के सिखों ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है. सिखों ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सिख अल्पसंख्यकों के लिए भी दो सीटें आरक्षित नहीं की गई तो वे पलायन कर जाएंगे. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑल जेएंडके गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह ने इस मामले पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि पिछले 30 सालों के आतंकवाद के दौरान सिखों ने बलिदान दिया है और मुश्किलों के बाद भी पलायन का रास्ता नहीं चुना.
आरक्षण पर बोले बलदेव सिंह
बलदेव सिंह ने कहा कि अब जब सरकार प्रवासी कश्मीरी पंडितों के लिए आरक्षण की घोषणा कर रही है तो सिखों के बलिदानों को नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अल्पसंख्यक सिख समुदाय को आरक्षण नहीं दिया जाता है और नई प्रतिनिधित्व के लिए दो सीटें आरक्षित नहीं की जाती हैं तो हमारा कश्मीर घाटी में रहने का कोई मतलब नहीं है.
आपको बता दें केंद्र सरकार के विधेयकों में पहाड़ी भाषी आबादी और उच्च जाति के हिंदुओं को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाएगा. सरकार ने जम्मू-कश्मीर से जुड़े चार विधेयकों को पेश किया है. जिसके बाद से राज्य में राजनीतिक पारा बढ़ गया है.