जाट आरक्षण: पिछड़ा आयोग का AAP को करारा जवाब, UPA पर भी निशाना

Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले जाट आरक्षण का मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने जाट समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग की है, लेकिन राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन हंसराज अहीर ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार ने अब तक ऐसा कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं भेजा है.

calender

Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले जाट आरक्षण का मुद्दा फिर गरमा गया है. आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा जाट समुदाय को दिल्ली की केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पलटवार किया है. आयोग के चेयरमैन हंसराज अहीर ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.

आयोग का क्या कहना है?

आपको बता दें कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन हंसराज अहीर ने स्पष्ट किया, ''दिल्ली के जाटों को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने का कोई प्रस्ताव आयोग को नहीं मिला. यदि ऐसा प्रस्ताव आता, तो विचार अवश्य किया जाता.'' वहीं उन्होंने बताया कि किसी भी समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची में जोड़ने की प्रक्रिया के तहत पहले राज्य सरकार को विधानसभा में प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजना होता है. इसके बाद ही आयोग उस पर निर्णय लेता है.

केजरीवाल ने क्यों उठाया मुद्दा?

वहीं आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों से जाट आरक्षण के मुद्दे को दबा रही है. उन्होंने मांग की थी कि दिल्ली के जाटों को केंद्रीय ओबीसी सूची में जोड़ा जाए. हालांकि, भाजपा और आयोग ने इसे खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने अब तक इस संबंध में कोई प्रस्ताव ही नहीं भेजा.

UPA सरकार पर भी निशाना

इसके अलावा आपको बता दें कि हंसराज अहीर ने UPA सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 2010 और 2014 में दिल्ली से दो बार जाटों को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन दोनों बार इसे खारिज कर दिया गया. 2014 में पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य ए.के. मंगोत्रा ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को 138 पन्नों की रिपोर्ट भेजकर जाटों को ओबीसी सूची में शामिल करने का विरोध किया था.

जाट वोटबैंक पर नजर

दिल्ली में जाटों की अच्छी खासी आबादी है, खासकर किशनगढ़, मुनिरका और नरेला जैसे क्षेत्रों में. ऐसे में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह मुद्दा जाट वोटरों को लुभाने का प्रयास माना जा रहा है.

बहरहाल, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली सरकार ने जाट आरक्षण के लिए कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं भेजा है. ऐसे में AAP द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर सवाल उठने लगे हैं. First Updated : Thursday, 16 January 2025

Topics :