Delhi Service Bill: दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा के दौरान राज्यसभा नहीं पहुंचे जयंत चौधरी, पार्टी नेता ने बताया कहां थे RLD चीफ

Delhi Service Bill: लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी दिल्ली सेवा बिल पारित हो गया. इस दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच राज्यसभा में तीखी बहस देखने को मिली. दोनों पक्षों की बहस के बाद शाम को दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग हुई.

Manoj Aarya
Manoj Aarya

हाइलाइट

  • लोकसभा के बाद राज्यसभा से पारित हुआ दिल्ली सेवा विधेयक
  • वोटिंग के दौरान राज्यसभा में मौजूद नहीं रहें जयंत चौधरी
  • एनडीए गठबंधन को बिल के समर्थन में कुल 131 वोट मिले

Delhi Service Bill: लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी दिल्ली सेवा बिल पारित हो गया. इस दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच राज्यसभा में तीखी बहस देखने को मिली. दोनों पक्षों की बहस के बाद शाम को दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग हुई. विपक्षी गठबंधन इंडिया और सपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल वोटिंग प्रक्रिया से दूर रही. राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे. विपक्षी खेमे की एकजुटता के मौके पर जयंत चौधरी का दूरी बनाना कई सवालों को खड़ा कर दिया है. बता दें कि दिल्ली सेवा बिल विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी थी. ऐसे में एक प्रमुख सहयोगी सदस्य की सदन में मौजूद नहीं रहना चर्चा का विषय बन गया है. जब यह सवाल उठा तो अब रालोद ने सफाई दी हैं.

बहस के दौरान नहीं थे जयंत चौधरी

रालोद के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने एक वीडियो जारी कर राज्यसभा सांसद और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के सदन में मौजूद नहीं रहने पर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी के परिवार में मेडिकल इमरजेंसी के कारण वह दिल्ली विधेयक की चर्चा में शामिल नहीं हो सके. उन्होंने कहा कि रालोद की टीम राज्यसभा में हो रही चर्चा पर नजर बनाए हुई थी. अगर वोटिंग के दौरान कांटे की टक्कर होती तो जयंत चौधरी राज्यसभा जरूर जाते.

 

उन्होंने कहा कि रालोद दिल्ली सेवा बिल का विरोध करती है. यह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि 131 बनाम 102 के वोट में बहुत बड़ा अंतर है. रालोद का एक वोट मिल जाने से खास फर्क नहीं होने वाला था. उन्होंने कहा कि रालोद की जनहित के मुद्दों पर लड़ाई जारी रहेगी. रोहित अग्रवाल ने दावा किया कि रालोद विपक्षी खेमे के साथ है. मुंबई की अगली विपक्षी बैठक में रालोद प्रमुख मौजूद रहेंगे.  

बिल के पक्ष में पड़े 131 वोट

गौरतलब है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन को बिल के पक्ष में 131 वोट मिले. जबकि विपक्ष को केवल 102 वोट पड़ा. बिल पारित होने पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया. उन्होंने बीजेपी सरकार पर दिल्ली के लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया.

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08 August 2023, 01:27 PM IST

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