झारखंड चुनाव से पहले BJP का बड़ा ऐलान! सहारा के जमाकर्ताओं का एक-एक पैसा को वापस लौटाने का किया वादा

Sahara: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सहारा के जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि लौटाने का वादा किया है. सहारा समूह की चिट फंड योजना में निवेश किए गए पैसे की वापसी के लिए भाजपा द्वारा चुनावी विज्ञापनों में बड़े दावे किए जा रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान यह वादा दोहराते हुए कहा कि मोदी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है.

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Sahara: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सहारा के जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि लौटाने का वादा किया है. भाजपा के इस ऐलान से चुनावी माहौल में नई चर्चा छिड़ गई है, खासकर उन लाखों निवेशकों के बीच, जिनकी सहारा समूह में जमा पूंजी फंसी हुई है. सहारा समूह की चिट फंड योजना में निवेश किए गए पैसे की वापसी के लिए भाजपा द्वारा चुनावी विज्ञापनों में बड़े दावे किए जा रहे हैं. 

भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान यह वादा दोहराते हुए कहा कि मोदी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है. भाजपा ने अपने चुनावी वादे के जरिए उन निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है, जो लंबे समय से अपने पैसे की वापसी का इंतजार कर रहे हैं.

अटका निवेशकों का पैसा

सहारा समूह, जो कभी भारत के प्रमुख उद्योगों में शुमार था, चिट फंड योजना के विवाद में फंसने के बाद विवादों का केंद्र बन गया. इस योजना के तहत सहारा ने 2.76 करोड़ से अधिक छोटे निवेशकों से लगभग 80,000 करोड़ रुपये जमा किए थे. समूह ने कम आय वाले भारतीयों को छोटे निवेश के बदले बेहतर रिटर्न का वादा किया था, लेकिन 2008 में ईडी द्वारा कार्रवाई शुरू होने के बाद से इन निवेशकों का पैसा अटका हुआ है.

सहारा रिफंड पोर्टल का लॉन्च

मोदी सरकार ने जुलाई 2023 में सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया था, ताकि निवेशकों को उनकी जमा पूंजी वापस मिल सके. हालांकि इस पहल के बावजूद, अभी भी कई निवेशक अपने पैसे की वापसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भाजपा ने चुनावी रैलियों और विज्ञापनों के जरिए यह वादा किया है कि सहारा में निवेश किए गए सभी पैसे लौटाए जाएंगे.

सहारा समूह का पतन

सहारा की वित्तीय मुश्किलें तब शुरू हुईं जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को निवेशकों को 24,000 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया. इसके बाद 2014 में सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी हुई, जिसने समूह के पतन की शुरुआत को चिह्नित किया. रॉय ने आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से उनकी कंपनी को अनावश्यक जांच का सामना करना पड़ा.

सेबी और आरबीआई की सख्ती

सहारा पर विनियामक गैर-अनुपालन के आरोप लगे, जिसके चलते सेबी ने कंपनी के रियल एस्टेट और हाउसिंग कॉरपोरेशन की जांच शुरू की. 2008 में आरबीआई ने सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉरपोरेशन को जमा स्वीकार करने पर रोक लगा दी और निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया. इस फैसले के बाद, सहारा के निवेशकों की परेशानियां बढ़ने लगीं, जिससे गरीब निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ.

झारखंड चुनाव में भाजपा के वादे का संभावित असर

झारखंड चुनाव से पहले भाजपा का सहारा के निवेशकों को उनका पैसा वापस दिलाने का वादा चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. भाजपा ने इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से कहा है कि सभी निवेशकों को उनका पैसा जल्द ही वापस दिलाया जाएगा, जिससे यह चुनावों में पार्टी के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है. First Updated : Thursday, 07 November 2024