Jharkhand: झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने गोपनीयता और मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, वह झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बन गए हैं. इसी के साथ अब 5 फरवरी को बहुमत सबित करना होगा. उनके साथ आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली है. कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम पाकुड़ सीट से 4 बार एमएलए चुनकर आए हैं और विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वहीं, आरजेडी के नेता ससत्यानंद भोक्ता चतरा सीट से तीसरी विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं.
झारखंड के नव नियुक्त मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले के दूरदराज के जिलिंगोरा गांव में अपने पिता के साथ खेती का काम करते हैं. खेतों में बैल से हल चलाकर अनाज उगाते थे. उनकी सामाजिक कार्यों में रुचि थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष सीबू सोरेन के संपर्क में आने के बाद साल 1990 के दशक में झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने की लड़ाई लड़ी. चंपई को अलग राज्य की लड़ाई में योगदान के लिए 'झारखंड के टाइगर' के रूप में जाना जाता है. वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन के वफादार माने जाते हैं. सीएम पद की शपथ लेने से पहले चंपई सोरेन ने शिबू सोरेन से मुलाकात की.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं शक्तिशाली नेता हेमंत सोरेन की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती हूं. बीजेपी समर्थित केंद्रीय जांच एजेंसी बदले की भावना से विपक्ष को लगातार टारगेट कर रही है और एक के बाद एक बड़े नेताओं को जेल में डालना का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सोरेन मेरे करीबी दोस्त हैं और मैं इस कठिन समय में लोकतंत्र की रक्षा के लिए समर्पित होकर उनके साथ खड़ी रहने की कसम खाती हूं. झारखंड की जनता इस बात को समझ रहे हैं और वह हेमंत सोरेन के साथ मजबूती के साथ खड़ी है. First Updated : Friday, 02 February 2024