चंपई सोरेन सरकार ने 47 विधायकों के समर्थन से किया फ्लोर टेस्ट पास, विपक्ष में पड़े इतने वोट
Jharkhand Politics: झारखंड में पांच दिनों से राजनीतिक उठापटक के बीच चंपई सोरेन सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया है. उनके समर्थन में 47 वोट पड़े हैं.
Jharkhand Politics: झारखंड में बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के द्वारा गिरफ्तार करने के बाद सरकार स्थिर हो गई थी. इसके बाद चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुनने के बाद मुख्यमंत्री मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी. इसके बाद उन्हें फ्लोर टेस्ट के लिए 10 दिन गए थे. आज चंपई सोरेन सरकार ने अपना बहुमत पास कर दिया. जहां उनके समर्थन में 47 मत पड़े तो विपक्ष में 29 वोट.
#WATCH झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने 47 विधायकों के समर्थन के बाद फ्लोर टेस्ट जीत लिया।
विपक्ष में 29 विधायक रहे। #JharkhandPolitics pic.twitter.com/DjsSsJdKlf— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2024
विश्वास मत नहीं, संख्या के आधार पर चुनाव हुआ
झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि, 'विश्वास मत सवालों के आधार पर नहीं सदस्यों के आधार पर हुआ. ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई, इसका जवाब उनके पास नहीं है.' भ्रष्टाचार पर उठाए गए सवालों पर चुप थे.
#WATCH | Former Deputy Chief Minister of Jharkhand and President of AJSU Party, Sudesh Mahto says, "Trust Vote happened on the basis of the members not based on the questions. They do not have an answer to the reason as to why this situation arose. The government was quiet on the… pic.twitter.com/EMYtEbVFV2
— ANI (@ANI) February 5, 2024
आदिवासी और दलित वर्गों ने दी कुर्बानी
झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के फ्लोर टेस्ट से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, यह झारखंड है, यह देश का एक ऐसा राज्य है जहां हर कोने में आदिवासी-दलित वर्गों से अनगिनत सिपाहियों ने अपनी कुर्बानी दी है. ED-CBI-IT जिन्हें देश के विशेष और काफी संवेदनशील व्यवस्थाएं कहीं जाती हैं. जहां करोड़ों रुपए डकार कर इनके सहयोगी विदेश में जा बैठे हैं, उनका एक बाल बांका करने की इनके पास औकात नहीं है. इनके पास औकात है तो देश के आदिवासी दलित-पिछड़ों और बेगुनाहों पर अत्याचार करना. अगर है हिम्मत तो सदन में कागज पटक कर दिखाए कि यह साढ़े 8 एकड़ की ज़मीन हेमंत सोरेन के नाम पर है, अगर हुआ तो मैं उस दिन राजनीति से अपना इस्तीफा दे दूंगा.