Jharkhand News: झारखंड में नाले का गंदा पानी पीने को हुए लोग मजबूर, जानें पूरा मामला

Jharkhand News: झारखंड के बाकड़ाकोचा में पिछले दो दिन से सोलर लाइट से चलने वाली जलमीनार का मोटर खराब हुआ है। ऐसी स्थिति में भीषण होने के चलते गांव वालों को दो किलोमीटर दूर बोंगा डुंगरी जुड़िया नाले से पीने का पानी लाने के लिए मजबूर हैं।

Shweta Bharti
Edited By: Shweta Bharti

हाइलाइट

  • गांव के लोगों को दो किलोमीटर दूर बोंगा डुंगरी जुड़िया नाला से पीने का पानी लाने के लिए विवश हैं।

Jharkhand News: बाकड़ाकोचा गांव में डुंगरी टोला के लोग इन दिनों भीषण गर्मी के चलते पानी के संकट से जूझ रहे हैं।पानी न मिलने पर दो किलोमीटर दूर बोंगा डुंगरी जुड़िया नाला से पीने का पानी लाने के लिए विवश हो रहे हैं।इस गांव में सीएम हेंमत सोरेन की जल योजना पूरी तरह से विफाल दिखाई दे रही है।जिससे लोगों को पानी न मिलने की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

जानकारी के मुताबिक इस गांव में मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत जलमीनार बनाई गई थी। ताकी गांव के लोगों को जरुरत के हिसाब से पानी घर-घर में पहुंचाया जा सके। आपको बता दें की पिछले दो महीने से सोलर लाइट से चलने वाली जलमीनार का मोटर खराब हो चुका है।ऐसे में लोगों को पानी की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

दी अधिकारियों को सूचना

गांव के लोगों को दो किलोमीटर दूर बोंगा डुंगरी जुड़िया नाला से पीने का पानी लाने के लिए विवश हैं।वहीं पेयजल समस्या को लेकर ग्राम प्रधान खेला सोरेन ने बताया है कि जलमीनार का मोटर पिछले दो महीने से खराब पड़ा है।इसकी सूचना जनप्रतिनिधियों एंव पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को भी दी गई है।

अभी तक इस जलमीनार को बनाने का प्रयास नहीं किया गया है।गांव वालों को पीने का पानी लाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है। वहीं गांव के प्रधान का कहना है कि गांव से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित बोंगा डुंगरी जुड़िया नाला में गड्ढा चुंवा खोदकर पानी लाने को हम लोग विवश हैं।

यदि एक सप्ताह के अंदर जलमीनार का मोटर का मरम्मत नहीं किया गया, तो सभी ग्रामीण प्रखंड कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे।

बड़ाडहर गांव में भी है पानी की समस्या

बड़ाडहर गांव के ग्रामीण भी सालभर से पानी की परेशानी में घिरे हुए हैं। गांव में कुल 20 परिवार रहते हैं जिनमें लगभग 215 लोग निवास करते हैं। गांव में पानी भी काफी समस्याएं आती ही रहती हैं।

एक सरकारी चापाकल तो है जिसमें मुखिया निधि से 4 साल पहले सोलर जलमीनार बनाया गया है, लेकिन कुछ दिनों से चापाकल में लगी मोटर मिट्टी के अंदर धंस गई है जिसके चलते पीने के पानी के लिए हाहाकार मच रहा है।

calender
12 April 2023, 02:40 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो