Jharkhand News: नगर-निकाय चुनाव में होगी देरी, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद को नहीं मिली मंजूरी
नगर-निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर ट्रिपल टेस्ट करना जरूरी है और यह टेस्ट सिर्फ पिछड़ा वर्ग आयोग ही कर सकता है. 6 सितंबर को राज्य कैबिनेट की बैठक में कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य को पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद के लिए नाम दिया था.
Jharkhand News: झारखंड में नगर-निकाय चुनाव में देरी को लेकर खबर सामने आई है, क्योंकि गिरिडीह से झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष बनते-बनते रह गए. आयोग का अध्यक्ष बनाने को लेकर उनको राज्य मंत्रिपरिषद की सहमति नहीं मिल पाई. इसके बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रस्ताव को वापस ले लिया. अब निष्कर्ष यह निकला कि अध्यक्ष पद फिर से खाली रह गया. ऐसे में कुलमिलाकर नगर-निकाय चुनाव को लेकर देरी हो जाएगी.
ओबीसी आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट जरूरी
बता दें कि नगर-निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर ट्रिपल टेस्ट करना जरूरी है और यह टेस्ट सिर्फ पिछड़ा वर्ग आयोग ही कर सकता है. 6 सितंबर को राज्य कैबिनेट की बैठक में कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य को पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद के लिए नाम दिया था. प्रस्ताव को कैबिनेट में रखने के बाद मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और सीएम सोरेन अनुमति दे दी. लेकिन जब कैबिनेट में इस प्रस्ताव को लेकर चर्चा हुई तो मुख्य सचिव ने कहा कि यह कानून के विरूद्ध है, क्योंकि यह एक लाभ का पद है.
झारखंड सरकार ने बनाया ‘डेडिकेटेड कमीशन’
मामला यह है कि झारखंड सरकार ने नगर-निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण की पात्रता को जांचने के लिए ‘डेडिकेटेड कमीशन’ बनाया था. सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में पूरी कैबिनेट की मंजूरी दी गई. बैठक में तय किया गया था कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ही डेडिकेटेड कमीशन ही उसके लिए काम करेगा. इसके साथ ही आर्थिक और सामाजिक स्तर पर पिछड़ा वर्ग ही आरक्षण तय करेगा. इसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि जल्द अध्यक्ष पद की नियुक्ति कर दी जाएगी, खैर ऐसा हो नहीं पाया. जिसके कारण नगर-निकाय चुनाव में अब देरी हो सकती है.