Bihar Cabinet Expansion: जीतन राम मांझी ने की दो मंत्रालयों की मांग, 5 फरवरी को हो सकता है कैबिनेट का विस्तार
Bihar Cabinet Expansion: बिहार की राजनीति में काफी उथल-पुथल के बाद जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन को छोड़ दिया. जिसके बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए में शामिल दलों की मदद से उन्होंने नई सरकार बनाई.
Bihar Cabinet Expansion: बिहार में कैबिनेट विस्तार से पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने विधायकों के लिए दो विभाग आवंटित करने की मांग की है. बिहार कैबिनेट का विस्तार 5 फरवरी को होने की संभावना है और उसी दिन विभागों का बंटवारा भी कर दिया जाएगा. शुक्रवार, 2 फरवरी को राज्य की राजधानी पटना में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा,“ बिहार में कैबिनेट विस्तार 5 फरवरी को होगा और उसी दिन विभागों का भी आवंटन किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मैं यह शुरू से कह रहा हूं कि अगर स्वतंत्र विधायकों को हमेशा एक विभाग आवंटित किया गया है तो हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के पास पांच विधायक हैं, इसलिए निश्चित रूप से हमें दो विभाग दिए जाना चाहिए.
हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने आगे कहा, "इसी तर्ज पर हमने सीएम नीतीश कुमार, नित्यानंद राय और गृह मंत्री अमित शाह से बात की है. उन्होंने इस प्रस्ताव को न तो स्वीकार किया है और न ही खारिज किया है. हमें उम्मीद है कि हमारी मांगें पूरी होंगी."
'विभागों के बंटवारें पर सीएम नीतीश लेंगे आखिरी फैसला'
इससे पहले बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी जल्द ही कैबिनेट विस्तार होने का संकेत दिया. उन्होंने कहा कि यह (कैबिनेट पोर्टफोलियो आवंटन) जल्द ही होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पर निर्णय लेना होगा जिसके बाद कैबिनेट पोर्टफोलियो आवंटन को मसले को जल्द ही समाधान कर लिया जाएगा." बता दें कि जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन और विपक्षी दल I.N.D.I.A को छोड़ फिर से एनडीए में लौट आए और राज्य में नई सरकार बनाई है. 28 जनवरी को, नीतीश कुमार ने आठ मंत्रियों, भाजपा और जदयू से तीन-तीन, हम से एक और एक निर्दलीय ने शपथ ली.
सियासी उठापटक के बीच नीतीश ने छोड़ा महागठबंधन
हाल ही में बिहार की सियासी गलियारों में जारी अनिश्चिंतताओं को खत्म करते हुए मुख्यमंत्री ने राजद-जदयू महागठबंधन से खुद को अलग करते हुए एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया. ये कोई पहली बार नहीं है जब नीतीश ने इस तरह का फैसला लिया हो. हालांकि आगामी लोकसभा से पहले नीतीश का यह फैसला विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए भी एक बड़ा झटका माना जा रहा है. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें है. जहां पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए को 40 में 39 सीटों पर जीत मिली थी.