बिहार सरकार को झटका, पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक

पटना हाई कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगा दी है। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने आदेश दिया है कि गणना को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए।

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बिहार की नितीश सरकार को बड़ा झटका लग है। पटना हाई कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगा दी है। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने आदेश दिया है कि गणना को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। इसके पहले हाई कोर्ट में मामले को लेकर दो दिन तक सुनवाई हुई थी। इसके बाद चीफ जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

दूसरी ओर जातीय गणना पर मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा कि जाति आधारित गणना सर्वसम्मति से कराई जा रही है। हम लोगों ने केंद्र सरकार से इसकी अनुमति ली है। हम पहले चाहते थे कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना हो लेकिन जब केंद्र सरकार नहीं मानी तो हम लोगों ने जाति आधारित गणना सह आर्थिक सर्वे कराने का फैसला लिया। बीते 24 अप्रैल को ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।

खंडपीठ ने अपने फैसले में इसे निजता का उल्लंघन माना है। इसके साथ ही अदालत ने गणना के दौरान एकत्र किए गए आंकड़े को सुरक्षित रखने और इसकी जानकारी किसी और को नहीं देने का भी आदेश दिया है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 03 जुलाई को होगी।

तेजस्वी यादव ने कहा कि कोर्ट के आदेश को पहले समझेंगे। फिर मुख्यमंत्री जी से बैठकर बात करेंगे और तय करेंगे आगे क्या करना है। डिप्टी CM ने कहा कि केंद्र हमारे साथ सौतेला व्यवहार करती है। हम अपने पिछड़े लोगों को आगे लाने के लिए कुछ करना चाहते हैं तो बीजेपी वाले सवाल उठाते हैं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि नीतीश कुमार नहीं चाहते कि जातीय गणना हो। नीतीश कुमार की गलतियों की वजह से हाईकोर्ट ने रोक लगाई है।

JDU के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि यह हाईकोर्ट का अंतरिम फैसला है। इसे फाइनल नहीं माना जाना चाहिए।

राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि सरकार फैसले का अध्ययन करेगी और आगे कौन सा कदम उठाया जाए, इस पर विचार होगा। First Updated : Thursday, 04 May 2023