JPC की बैठक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की शामिलगी और कलक्टरों की शक्तियों पर उठे सवाल

Waqf Board: JPC की बैठक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की शामिलगी, कलक्टरों की शक्तियों और NTC के अधिकारों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई. कुछ मुद्दों पर विवाद पैदा हुआ और अलग-अलग राय सामने आईं है. इन चर्चाओं के बाद अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या बदलाव होंगे, लेकिन इन मुद्दों पर आगे और विचार किए जाने की संभावना है. इस बैठक ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं जिनके उत्तर अभी तक नहीं मिले हैं.

JBT Desk
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JPC Meeting: जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की बैठक में आज कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. पहली प्रमुख चिंता वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति को लेकर थी. कुछ सदस्यों ने इस पर आपत्ति भी जताई थी. उनका कहना था कि वक्फ बोर्ड का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों की देखरेख करना है, इसलिए इसमें गैर-मुस्लिमों को शामिल करना उचित नहीं होगा.

कलक्टरों की शक्तियों पर सवाल

दूसरे प्रमुख मुद्दे के रूप में कलक्टरों की शक्तियों पर सवाल उठे. ठक में विचार किया गया कि क्या कलक्टरों को अधिक अधिकार दिए जाने चाहिए या उनकी शक्तियों को सीमित किया जाना चाहिए? इस पर विभिन्न रायें सामने आईं, जिनके आधार पर नीति निर्माण पर चर्चा की जाएगी. कुछ लोगों का मानना है कि कलक्टरों की शक्तियों को सीमित किया जाना चाहिए, जबकि अन्य का कहना है कि उन्हें अधिक अधिकार दिए जाने चाहिए ताकि वे अपने कार्य को बेहतर तरीके से कर सकें. 

नेशनल ट्रांसपोर्ट कमीशन से जुड़े सवाल

इसके अलावा नेशनल ट्रांसपोर्ट कमीशन (NTC) की भूमिका और इसके अधिकारों पर भी सवाल उठे. सदस्य यह जानना चाहते थे कि NTC का दायरा और इसके निर्णयों का प्रभाव किस हद तक है.

इस बैठक के दौरान इन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई और विभिन्न रायें सामने आयी. कुल मिलाकर JPC की इस बैठक में वक्फ बोर्ड, कलक्टरों की शक्तियों और NTC के अधिकारों को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए गए और उन पर चर्चा की गई. बैठक का उद्देश्य था कि इन मुद्दों पर एक स्पष्ट नीति तैयार की जाए, जिससे भविष्य में इनसे जुड़े विवादों को हल किया जा सके. फिलहाल जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी ने इन पर आगे की कार्रवाई के लिए सुझाव देने की योजना बनाई है.

किन-किन मामलों में हुई है JPC की जांच?

अब तक देश के कई मामलों में जेपीसी की जांच की जा चुकी है. इनमें कुछ हाई-प्रोफाइल मामले हैं

1. बोफोर्स घोटाला (1987)
2. हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट घोटाला (1992)
3. केतन पारेख शेयर बाज़ार घोटाला (2001)
4. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी, 2016)
5. व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (2019)

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30 August 2024, 11:53 PM IST

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