न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय BJP में होंगे शामिल, पहले लग चुके हैं कई आरोप!

Abhijit Gangopadhyay Joins BJP: कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज अभिजीत गंगोपाध्याय आज से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले है. वह आज भाजपा मेंं शामिल होंगे.

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Abhijit Gangopadhyay News: कलकत्ता हाईकोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसी के साथ जस्टिस अभिजीत ने सियासी पारी शुरू करने का इशारा दिया. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उनके इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. गुरुवार 7 मार्च यानी आज वह बीजेपी में शामिल की सदस्यता लेंगे. उन्होंने बताया कि किस कारण वह राजनीति में आ रहे हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का फैसला तृणमूल के लोगों की अपमानजनक टिप्पणियों के कारण हुआ है.

क्या बोले जस्टिस गंगोपाध्याय

जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि मुझे पता लगा था कि टीएमसी वालों की ओर से कितना अधिक भ्रष्टाचार हो रहा है. उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि उनका किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने का इरादा नहीं था. मैंने सोचा था कि सही समय यानी 5 महीने बाद रिटारमेंट ले लूंगा, लेकिन जब मुझे पता चला कि लोग मुझे चुनौती दे रहे हैं राजनीतिक क्षेत्र में बुला रहे हैं तो क्यों न मैं ही इसे लेकर पहल करूं.

इन फैसलों से चर्चा में रहे जज गंगोपाध्याय

जज गंगोपाध्याय अपने फैसलों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. उन्होंने साल 2018 में कोलकत्ता हाईकोर्ट का पदभार संभाला था. तभी से वह चर्चा में आए.

गंगोपाध्याय ने साल 2022 में सीबीआई और ईडी को पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल नौकरियों में घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था. उन्होंने अपने फैसले में 32,000 शिक्षकों की बहाली को रद्द करने का आदेश दिया था. लेकिन डिवीजन बेंच ने इस पर रोक लगा दी थी.

दिसंबर, 2023 में जस्टिस गंगोपाध्याय एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने शिक्षकों की नियुक्ति में कथित घोटाले से जुड़े केस पेंडिंग रहने का मुद्दा उठाया था. उन्होंने टीएमसी पर सवाल उठाए थे.

गंगोपाध्याय ने इस साक्षात्कार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों को इस तरह के इंटरव्यू नहीं देने से बचना चाहिए. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने जवाब मांगा. साथ ही शिक्षकों की भर्ती घोटाले का केस दूसरे जज को सुनने का आदेश दिया.

गंगोपाध्याय ने जनवरी, 2024 में उच्च न्यायालय के सहकर्मी जस्टिस सौमेन सेन पर राज्य में एक राजनीतिक दल के लिए काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने ये आरोप तब लगाया जब सौमेन सेन एक डिवीजन बेंच का हिस्सा थे. आरोप था कि पुलिस को एक केस से जुड़े दस्तावेज को सीबीआई को सौंपने के आदेश पर रोक लगा दी थी. First Updated : Thursday, 07 March 2024