कौन हैं जस्टिस उज्जवल भुइयां, जिन्होंने सीबीआई को सुनाई खरी-खरी
Justice Ujjal Bhuyan: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देते समय सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस उज्जल भुइयां ने सीबीआई की छवि पर कड़ी टिप्पणी की, जिसे लेकर चर्चा छिड़ गई है. जस्टिस भुइयां ने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोते की तरह नहीं, बल्कि स्वतंत्र और निष्पक्ष दिखने की सलाह दी. जानें, जस्टिस भुइयां की इस टिप्पणी के पीछे की कहानी और उनकी पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी, जो इस विवाद को और भी पेचीदा बनाती है.
Justice Ujjal Bhuyan: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में जमानत देते समय सुप्रीम कोर्ट के जज, जस्टिस उज्जल भुइयां ने सीबीआई की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि सीबीआई की छवि पिंजरे में बंद तोते जैसी नहीं होनी चाहिए, बल्कि स्वतंत्र और निष्पक्ष रहनी चाहिए.
जस्टिस भुइयां ने सीबीआई को सलाह दी कि उसे अपनी जांच की पारदर्शिता और निष्पक्षता को दिखाना चाहिए, ताकि किसी पर पक्षपात का आरोप न लगे. उनका कहना था कि जांच एजेंसी को निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए क्योंकि निष्पक्ष जांच किसी का मौलिक अधिकार है. जांच न केवल निष्पक्ष होनी चाहिए बल्कि यह दिखना भी चाहिए.
कौन है जस्टिस उज्जल भुइयां
जस्टिस उज्जल भुइयां का जन्म 2 अगस्त 1964 को गुवाहाटी, असम में हुआ था. उनके पिता, सुचेंद्र नाथ भुइयां, असम के एक प्रमुख अधिवक्ता और पूर्व महाधिवक्ता थे. जस्टिस भुइयां ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गुवाहाटी के डॉन बॉस्को हाई स्कूल और कॉटन कॉलेज से प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने दिल्ली के किरोड़मल कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया और गुवाहाटी विश्वविद्यालय से LL.B. और LL.M. की डिग्री प्राप्त की.
कानूनी कैरियर की शुरुआत
1991 में, जस्टिस भुइयां ने असम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश की बार काउंसिल में पंजीकरण कराया और गुवाहाटी हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की. वे 16 साल तक आयकर विभाग के स्थायी वकील रहे और गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए. 17 अक्टूबर 2011 को, उन्हें गुवाहाटी हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज बनाया गया और मार्च 2013 में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
विभिन्न हाई कोर्ट में सेवा
2019 में, जस्टिस भुइयां को बॉम्बे हाई कोर्ट में स्थानांतरित किया गया और बाद में वो तेलंगाना हाई कोर्ट के जज बने. उन्होंने तेलंगाना राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. 14 अगस्त 2023 को, जस्टिस उज्जल भुइयां को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया.