कौन हैं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना? 11 नवंबर को भारत नए मुचीफ जस्टिस के रूप में लेंगे शपथ!

Justice Sanjeev Khanna: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत का 51वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है. वर्तमान में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भारत के चीफ जस्टिस है जो 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद अपने पद से मुक्त होंगे. इसके बाद 11 नवंबर, 2024 न्यायमूर्ति संजीव खन्ना इस पद की शपथ लेंगे.

Deeksha Parmar
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Justice Sanjeev Khanna: जस्टिस संजीव खन्ना को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया गया है. वे 11 नवंबर, 2024 को इस महत्वपूर्ण पद की शपथ लेंगे. वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ हैं जो 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 10 नवंबर, 2024 को पद से मुक्त हो जाएंगे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर जस्टिस संजीव खन्ना के नाम की सिफारिश की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है.

बता दें कि न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का जन्म 14 मई, 1960 को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता, देव राज खन्ना, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं. उनकी मां, सरोज खन्ना, लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में लेक्चरार थीं. संजीव खन्ना ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली में पूरी की और 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने वहीं से कानून की पढ़ाई की.

वकालत और न्यायिक करियर की शुरुआत

वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद, संजीव खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अपना नाम दर्ज कराया. उन्होंने सबसे पहले दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में वकालत शुरू की और फिर धीरे-धीरे दिल्ली हाईकोर्ट में विभिन्न क्षेत्रों में अभ्यास किया. साल 2005 में, न्यायमूर्ति खन्ना को दिल्ली हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त किया गया. एक साल बाद, 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया. लगभग 13 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट में सेवा देने के बाद, जनवरी 2019 में उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया गया.

विवादित नियुक्ति

जब 2019 में न्यायमूर्ति खन्ना को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया, तो उनकी नियुक्ति विवादों में घिर गई थी। उनसे अधिक वरिष्ठ जजों के होते हुए भी उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया, जिस वजह से उनकी पदोन्नति ने काफी चर्चा बटोरी थी.

परिवार का इतिहास

न्यायमूर्ति खन्ना का न्यायिक परिवार का एक समृद्ध इतिहास है. उनके पिता के अलावा उनके चाचा, हंसराज खन्ना, भी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं. हंसराज खन्ना ने कई ऐतिहासिक फैसले दिए, जिनमें 1973 का केशवानंद भारती मामला भी शामिल है, जिसमें संविधान की मूल संरचना सिद्धांत को प्रतिपादित किया गया था.

अहम फैसलों में भूमिका

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना कई महत्वपूर्ण मामलों का हिस्सा रहे हैं. वे उस पांच-न्यायाधीशों वाली पीठ का हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था. इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत भी दी थी. न्यायमूर्ति खन्ना राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं.

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25 October 2024, 06:33 AM IST

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