ओबीसी आरक्षण को लेकर कमलनाथ का चुनावी मास्टर स्ट्रोक, 27 प्रतिशत आरक्षण का वादा

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शाजापुर जिले में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।

Tahir Kamran
Edited By: Tahir Kamran

हाइलाइट

  • कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण को लेकर दिया बड़ा बयान
  • कांग्रेस सरकार बनी तो OBC को देंगे 27 प्रतिशत आरक्षण: कमलनाथ
  • ओबीसी आरक्षण मध्य प्रदेश में बन सकता है चुनावी मुद्दा

MP Election 2023: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भले ही अभी 4 महीने का वक्त रह गया हो। लेकिन अभी से सूबे की सियासत में दावों और वादों का दौर शुरू हो गया है। इन्हीं वादों और दावों के बीच सूबे के पूर्व सीएम और मध्य प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने ओबीसी कार्ड का बड़ा दांव खेला है।

कमलनाथ ने शाजापुर जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया। साथ ही प्रदेश सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरते हुए  कहा कि चुनाव से पहले बीजेपी को बहनें, किसान और कर्मचारी याद आ रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश की जनता भी शिवराज सरकार को विदा करने का तय कर चुकी है। मैं भी शिवराज को बड़े प्यार से विदा करूंगा। 

चुनाव नजदीक आते ही गरमाने लगा ओबीसी आरक्षण का मुद्दा

प्रदेश में ओबीसी आरक्षण का मामला 2018 के विधानसभा चुनाव के ठीक बाद से ही विवादों में है। 2018 के चुनाव के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में बनी सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया था। यह मामला कोर्ट में चला गया और रोक लग गई। अब यह बीजेपी के लिए मुसीबत बन गया है। सरकारी नौकरियों की भर्ती में 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद अब सरकारी भर्तियों में भी 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने का दबाव बढ़ रहा है। इससे संबंधित कई याचिकाएं हाई कोर्ट में लंबित हैं।

बीजेपी-कांग्रेस दोनों के लिए मुश्किल

मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को अधिक से अधिक अवसर और आरक्षण देने का दावा बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए राजनीतिक जोखिम बनता जा रहा है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार ओबीसी आरक्षण का मामला बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है। यह मामला अभी भी हाई कोर्ट में लंबित है।

चुनावी फिजा बदलेगा ओबीसी आरक्षण का मुद्दा 

एमपी में 2020 में विधानसभा की 29 सीटों के लिए उपचुनाव हुए ते, तब भी कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को बड़े पैमाने पर उठाने की कोशिश की थी। अगले साल विधानसभा चुनावों में भी पार्टी इसे भुनाने की कोशिश जरूर करेगी। बीजेपी के पक्ष में यह है कि कांग्रेस के पास राज्य में कोई बड़ा ओबीसी चेहरा नहीं है। अब देखना यह है कि केवल वादों के सहारे कौन किसको पटखनी देता है।

कमलनाथ का शिवराज सरकार पर करारा वार

अपने बयान में वादों की बौछार करते हुए कमलनाथ ने कहा कि हम 500 रूपये में गैस सिलेंडर देंगे, महिलाओं को हर महीने 1500 रूपये देंगे। फिर से किसानों के लिए कर्जमाफी शुरू होगी, 100 रूपये बिजली माफ 200 यूनिट हाफ और युवाओं को रोजगार देंगे। वहीं बीजेपी और शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि,मैं शिवराज सिंह जी से पूछता हूं..आपने दिया क्या। महंगाई दी, बेरोजगारी दी, भ्रष्टाचार दिया, भर्ती घोटाला दिया, माफिया राज दिया, बाल अपराध दिया, आदिवासियों को अत्याचार दिया और घर घर में शराब दी। इस चुनाव में मध्यप्रदेश का फैसला होगा और ये फैसला जनता करेगी।  जनता अब बीजेपी की असलियत समझ चुकी है और वो उनके झूठे छलावे में आने वाली नहीं है।
 

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22 June 2023, 01:14 PM IST

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