कृषि कानूनों पर कंगना का U-Turn: कहा- वापस लेती हूं अपने शब्द
Kangana Ranaut: अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली कंगना रनौत एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं. इस बार उन्होंने कृषि कानूनों पर दिया अपना बयान वापस ले लिया है और कहा है कि यह मेरी निजी राये नाकि पार्टी की. कंगना रनौत का यह बयान ऐसे समय आया जब हरियाणा चुनाव के लिए वोटिंग नजदीक आ रही है.
Kangana Ranaut: मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बुधवार को 2021 में निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों पर की गई टिप्पणी वापस ले ली और कहा कि यह उनकी राय है, पार्टी की नहीं. उन्होंने कहा कि विवादास्पद कानूनों पर उनके बयान से कई लोग मायूस हो सकते हैं, जिसका उन्हें खेद है. हिमाचल प्रदेश भाजपा ने भी मंडी सांसद के बयान से खुद को अलग कर लिया है. कंगना रनौत ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "किसान कानूनों पर मेरे विचार निजी हैं और वे उन बिलों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं."
उन्होंने एक्स पर एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा, "जब किसान कानून प्रस्तावित किए गए थे, तो हममें से कई लोगों ने उनका समर्थन किया था लेकिन बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री ने उन कानूनों को वापस ले लिया." उन्होंने वीडियो क्लिप में कहा, "अगर मैंने अपने शब्दों और विचारों से किसी को मायूस किया है तो मुझे खेद है. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं." मंगलवार को मंडी जिले में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों का विरोध केवल कुछ राज्यों में हुआ है.
Do listen to this, I stand with my party regarding Farmers Law. Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/wMcc88nlK2
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 25, 2024
कंगना आगे कहती हैं,"किसान भारत की प्रगति में ताकत का स्तंभ हैं, केवल कुछ राज्यों में, उन्होंने कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई थी. मैं हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए." उन्होंने कहा कि देश प्रगति के पथ पर है और कृषि कानूनों को बहाल करने से किसानों के लिए बेहतर वित्तीय स्थिरता और विकास सुनिश्चित होगा, जिससे कृषि क्षेत्र को लाभ होगा.
कंगना रनौत की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राजनीतिक दल 5 अक्टूबर को हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. हरियाणा में किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखा गया था, खासकर दिल्ली की सीमाओं पर, तीन कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए. आखिर में 2021 में मोदी सरकार द्वारा कानूनों को वापस ले लिया गया.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि सत्तारूढ़ पार्टी तीन कानूनों को वापस लाने की कोशिश कर रही है और जोर देकर कहा कि हरियाणा इसका करारा जवाब देगा.