कांशीराम की जयंती पर अलग रंग में दिख रही कांग्रेस, क्या दलित वोट बैंक..., मायावती
कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) के संस्थापक कांशीराम को उनके जन्मदिवस पर याद करते हुए दलित समुदाय को आकर्षित करने की कोशिश की है. कांग्रेस की इस पहल से राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. इसे कांग्रेस की दलितों को अपने पक्ष में लाने और जनाधार बढ़ाने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है.

Kanshiram Birth Anniversary: कांशीराम का जन्म 15 मार्च 1934 को पंजाब के रोपड़ जिले में हुआ था. उन्होंने दलितों और अन्य हाशिए के समुदायों के लिए संघर्ष किया और बीएसपी की स्थापना की, जिसने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव लाया. कांशीराम के नेतृत्व में बीएसपी ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों को एक राजनीतिक ताकत बनाया. बाद में उन्होंने पार्टी का नेतृत्व मायावती को सौंपा, जिन्होंने चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया.
कांग्रेस ने कांशीराम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांशीराम को उनके योगदान के लिए याद किया. उन्होंने लिखा, "समाज के दलित, वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने में कांशीराम का बड़ा योगदान था."
समाज के दलित, वंचित, शोषित व पिछड़े वर्ग को भारतीय राजनीति की मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले, महान समाज सुधारक, मान्यवर कांशीराम जी की जयंती पर हम उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 15, 2025
उन्होंने समानता और सामाजिक न्याय के पुरोधा के रूप में अपनी अमिट छाप… pic.twitter.com/5MlfifnOMB
राहुल गांधी ने भी कांशीराम को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "उनका संघर्ष हमें सामाजिक न्याय की दिशा में प्रेरित करता रहेगा." प्रियंका गांधी ने भी कांशीराम के विचारों और सामाजिक आंदोलनों को सराहा.
महान समाज सुधारक, मान्यवर कांशीराम जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 15, 2025
दलितों, वंचितों और शोषितों के अधिकारों के लिए उनका संघर्ष, सामाजिक न्याय की इस लड़ाई में हमारा हर कदम पर मार्गदर्शन करता रहेगा। pic.twitter.com/HVGIn8kwSm
कांग्रेस का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बीएसपी हाल ही में आंतरिक विवादों और चुनावी गिरावट से गुजर रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस का यह कदम BSP के दलित वोटबैंक को अपने पक्ष में करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति है. खासकर उत्तर प्रदेश में बीएसपी का जनाधार घटता जा रहा है, जिससे एक राजनीतिक शून्य उत्पन्न हो गया है.
दलित, वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की प्रखर आवाज, सामाजिक न्याय के पुरोधा और बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 15, 2025
मान्यवर कांशीराम जी ने अपने विचारों और सामाजिक आंदोलनों के जरिये सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों को नई ऊंचाई दी। उनके विचार… pic.twitter.com/u2hKEF0Oor
कांग्रेस, जो पहले से ही सामाजिक न्याय की राजनीति में सक्रिय है, अब कांशीराम की विरासत का सहारा लेकर BSP के घटते प्रभाव का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है. यह घटनाक्रम इस ओर इशारा करता है कि कांग्रेस दलित राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए तैयार है, जबकि बीएसपी इस दिशा में संघर्ष कर रही है.