कर्नाटका में 3 दिन के शोक की घोषणा: एस एम कृष्णा का निधन, सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद करने का लिया फैसला!
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा के निधन के बाद राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है. सरकार ने उनके सम्मान में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है, जिसमें सभी सरकारी दफ्तर और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. कृष्णा का अंतिम संस्कार उनके गृहनगर मद्दुर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. 92 साल की उम्र में उनका निधन हुआ, और राज्य में उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी जा रही है. जानिए उनके राजनीतिक करियर और निधन पर कर्नाटक सरकार ने क्या कदम उठाए हैं.
Karnataka: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री एस एम कृष्णा का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से राज्यभर में शोक की लहर दौड़ गई है. राज्य सरकार ने एस एम कृष्णा के सम्मान में तीन दिनों तक राजकीय शोक की घोषणा की है. इस दौरान, कर्नाटक के सभी सरकारी दफ्तर और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. इस खबर से राज्य के नागरिकों में गहरी शोक की भावना है.
कर्नाटक सरकार का फैसला: तीन दिन का शोक और सरकारी दफ्तर बंद
11 दिसंबर, बुधवार को एस एम कृष्णा के निधन के बाद, कर्नाटक सरकार ने तत्काल प्रभाव से राज्यभर में एक सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. सरकार ने यह फैसला लिया है कि एस एम कृष्णा के सम्मान में सभी सरकारी दफ्तरों के झंडे आधे झुके रहेंगे. इसके साथ ही, तीन दिनों तक कोई भी सरकारी समारोह या मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होंगे. बुधवार को सभी शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह से बंद रहेंगे.
एस एम कृष्णा का अंतिम संस्कार और अंतिम दर्शन
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने यह बताया कि एस एम कृष्णा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके गृहनगर मद्दुर में किया जाएगा. उनका अंतिम संस्कार बुधवार शाम 4 बजे किया जाएगा. राज्य सरकार ने बेंगलुरु में बुधवार सुबह 8 बजे से लेकर और मद्दुर में दोपहर 10.30 बजे से 3 बजे तक जनता को उनके अंतिम दर्शन करने की अनुमति दी है.
एस एम कृष्णा का राजनीतिक करियर
एस एम कृष्णा का राजनीति में लंबा और समृद्ध करियर रहा. 1 मई 1932 को कर्नाटक के मांड्या जिले के सोमनहल्ली में जन्मे कृष्णा ने 1962 में मद्दुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से पहले वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े थे. उन्होंने मार्च 2017 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा. एस एम कृष्णा 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं.
एस एम कृष्णा का निधन और उनकी बीमारी
एस एम कृष्णा लंबे समय से बीमार चल रहे थे और अगस्त में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अपने जीवन के आखिरी दिनों में उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था और पिछले साल जनवरी में यह घोषणा की थी कि वे अब सक्रिय राजनीति में हिस्सा नहीं लेंगे. इस साल उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
एस एम कृष्णा का योगदान और उनकी विरासत
एस एम कृष्णा का योगदान राजनीति और विदेश नीति में अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा. उनके नेतृत्व में कर्नाटक राज्य ने कई महत्वपूर्ण विकास की दिशा में कदम बढ़ाए. उनका राजनीतिक जीवन कर्नाटक और भारत के लिए प्रेरणादायक है और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. इस दुखद मौके पर कर्नाटक सरकार ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है.