Karnataka: 'कोविड के नए वेरिएंट JN.1 से घबराए नहीं', उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने जनता से की अपील
Karnataka: कर्नाटक में कोविड के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 के बढ़ते मामलों के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने जनता से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि कोविड से घबराने की जरूरत नहीं है. राज्य में सब कुछ ठीक है.
हाइलाइट
- कर्नाटक में लगातार बढ़ रहे है कोविड के मामले.
- डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, घबराने की जरूरत नही.
- देश के कुल 69 में से 34 मामले सिर्फ कर्नाटक से हैं.
Karnataka Deputy CM DK Shivakumar Over Covid: कर्नाटक में कोविड के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 के बढ़ते मामलों के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने जनता से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि कोविड से घबराने की जरूरत नहीं है. राज्य में सब कुछ ठीक है. उन्होंने आगे कहा कि राज्य में कोविड के मामलों की वर्तमान स्थिति के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अपडेट दिया जाएगा. इससे पहले बेंगलुरु में स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडुराव की अध्यक्षता में कोविड एहतियाती उपायों को संबोधित करने के लिए एक कैबिनेट उप-समिति की बैठक हुई.
उप-समिति में समाज कल्याण मंत्री एचसी महादेवप्पा, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त रणदीप, टीएसी समिति के अध्यक्ष रवि, एनएचएम के एमडी नवीन भट्ट और स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों के अधिकारी शामिल थे.
कोरोना से निपटने को लेकर की गई चर्चा
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राजधानी बेंगलुरु में हुई बैठक में मौजूदा महामारी से निपटने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर चर्चा की गई. बता दें 25 दिसंबर तक देश में कोविड के नए वैरिएंट JN.1 के कुल 69 मामले सामने आए हैं. इन 69 में से 34 मामले सिर्फ कर्नाटक से हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोविड के नए वैरिएंट से घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि जेएन.1 चिंता का नहीं बल्कि रुचि का एक प्रकार है. उन्होंने लोगों से उचित एहतियाती कदम उठाकर सतर्क रहने का आग्रह किया.
'विशेष वैक्सिन की जरूरत नहीं'
भारत SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि वर्तमान में सब वैरिएंट के खिलाफ टीके की किसी अतिरिक्त खुराक की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, "रोकथाम उन सभी लोगों के लिए आवश्यक है जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक हैं या कई तरह की बीमारियों से ग्रसित है अथवा वह ऐसी दवाएं ले रहे हैं जो हमारी प्रतिरक्षा को दबाते हैं, जैसे कि कैंसर के रोगी. यदि उन्होंने अब तक सावधानी नहीं बरती है, तो उन्हें एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में जेएन.1 को रुचि के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है, जो इसके मूल वंश बीए.2.86 से अलग है. हालांकि, वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान साक्ष्यों के आधार पर JN.1 द्वारा उत्पन्न सभी मामलों में रिस्क कम है.