Karnataka: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आज शुक्रवार, (18 अगस्त) को घोषणा की है कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने के लिए उनकी सरकार ने फैसला किया है. केंद्र सरकार ने साल 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी और 2021 में कर्नाटक देश का पहला ऐसा राज्य बना था, जहां यह लागू की गई थी. कर्नाटक के तत्कालीन बीजेपी के मुख्यंत्री बसवराज बोम्मई ने एनईपी लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन अब इसे रद्द करने का फैसला लिया गया है. वहीं, वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में एनईपी को वापस लेने की घोषणा की है.
उप मुख्यमंत्री ने भाजपा से किया सवाल
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि हमने चुनाव में वादा किया था कि अगर सत्ता में आएंगे तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रद्द करेंगे. हम अपने उस वादे के लिए प्रतिबद्ध हैं. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे पूछा कि कर्नाटक में सबसे पहले एनईपी लागू करने की इतनी जल्दी क्यों थी? गुजरात और उत्तर प्रदेश में एनईपी लागू क्यों नहीं की गई?
राज्य के शिक्षा मॉडल को महत्व देते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक की शिक्षा प्रणाली देश के लिए एक मॉडल है. यही कारण है कि बेंगलुरु आज आईटी हब है. हमारी अच्छी शिक्षा प्रणाली के कारण ही राज्य के कई लोग विदेशों में अच्छे पदों पर हैं.
सीएम भी कर चुके हैं एलान
गौरतलब है, इससे पहले सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अगले शैक्षणिक वर्ष से रद्द करने की बात कही थी. सीएम ने कहा था कि सभी तरह से तैयारिया पूरी करने के बाद एनईपी को समाप्त कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने और सरकार बनने तक शैक्षणिक वर्ष शुरू हो गया था. छात्रों की पढ़ाई में बाधा न आए इसे देखते हुए फैसला लिया गया यह नीति इस साल जारी रहेगी.
शिक्षा मंत्री ने भी एनईपी अपनाने से किया था विरोध
इस साल की जुलाई महीने में कर्नाटक के प्राथमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा था कि राज्य शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को नहीं अपनाने का फैसला किया है, बल्कि राज्य शिक्षा नीति (एसईपी) को लागू करेगा. First Updated : Friday, 18 August 2023