प्राइवेट जॉब में आरक्षण! कैबिनेट में पास हुआ प्रस्ताव, कांग्रेस सरकार का फैसला

Karnataka News: कर्नाटक सरकार ने निजी फर्मों में कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है. यह फैसला सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. सीएम सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि हम कन्नड़ समर्थक सरकार हैं. हमारी प्राथमिकता कन्नड़ लोगों के कल्याण करना है. सीएम सिद्धारमैया और श्रम मंत्री संतोष लाड ने इसकी जानकारी दी है.

calender

Karnataka News: कर्नाटक कैबिनेट ने मंगलवार को निजी क्षेत्र की कंपनियों में रोजगार में ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण देने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी. बिल गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा. सीएम सिद्धारमैया और श्रम मंत्री संतोष लाड ने इसकी जानकारी दी है.

राज्य में निजी फर्मों में गैर-प्रबंधन भूमिकाओं के लिए 70 प्रतिशत और प्रबंधन-स्तर के पदों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा तय की गई है. निजी फर्मों में स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने वाला 'कर्नाटक राज्य रोजगार विधेयक 2024' गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा. 

सीएम सिद्धारमैया ने किया पोस्ट

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहले अपने एक्स पोस्ट किया कि निजी कंपनियों में ग्रुप सी और ग्रुप डी की सभी नौकरियों में कन्नड़ लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण होगा. लेकिन बाद में इसे डीलीट कर दिया गया. अब सिद्धारमैया की पोस्ट पर बोलते हुए संतोष एस लाड ने कहा कि प्रबंधन (स्तर) पर 50% लोगों को आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है. गैर-प्रबंधन स्तर पर 70 प्रतिशत लोगों को काम देने का निर्णय लिया गया है. 

आरक्षण के लिए कौन है पात्र

जो लोग कर्नाटक में पैदा हुए हैं, जो 15 वर्षों से कर्नाटक में रह रहे हैं, जो कन्नड़ भाषा बोल सकते हैं, पढ़ सकते हैं और लिख सकते हैं वे आरक्षण के लिए पात्र हैं. यदि उम्मीदवारों के पास कन्नड़ भाषा के साथ माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र नहीं है, तो उन्हें 'नोडल एजेंसी' द्वारा कराई जाने वाली कन्नड़ परीक्षा पास करनी होगी.

विधेयक में बताया गया है कि यदि योग्य स्थानीय उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, तो संस्थानों को सरकार या उसकी एजेंसियों के साथ सक्रिय सहयोग से तीन साल के भीतर उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए कदम उठाना चाहिए. यदि आरक्षण नियम में बताए गए मात्रा में स्थानीय उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, तो कंपनियां अधिनियम के प्रावधानों में ढील देने के लिए सरकार से आवेदन कर सकती हैं.

नियम तोड़ने पर क्या है सज़ा?

'उद्योगों, कारखानों और अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने वाले कर्नाटक राज्य रोजगार विधेयक 2024' के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले किसी भी नियोक्ता या प्रतिष्ठान के प्रबंधक पर 10,000 रुपये से 25,000 रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा.  यदि जुर्माना लगाए जाने के बाद भी उल्लंघन जारी रहता है तो आगे जुर्माना लगाया जाएगा. प्रस्तावित विधेयक में उल्लेख है कि जुर्माना प्रत्येक अगले दिन के लिए एक सौ रुपये तक बढ़ाया जाएगा.


First Updated : Wednesday, 17 July 2024