कर्नाटक हाईकोर्ट के दो कमेंट पर SC का संज्ञान, मुस्लिम और महिलाओं के अपमान पर एक्शन
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महिला वकील के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणियों पर संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले पर चर्चा की. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से इस मामले की रिपोर्ट मांगी. सीजेआई ने कहा कि हमने मीडिया में इस जज की टिप्पणियों के बारे में पढ़ा है. हम कर्नाटक हाई कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि वे मुख्य न्यायाधीश से चर्चा करने के बाद रिपोर्ट दें.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महिला वकील के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणियों पर संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले पर चर्चा की.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से इस मामले की रिपोर्ट मांगी. सीजेआई ने कहा कि हमने मीडिया में इस जज की टिप्पणियों के बारे में पढ़ा है. हम कर्नाटक हाई कोर्ट से अनुरोध करते हैं कि वे मुख्य न्यायाधीश से चर्चा करने के बाद रिपोर्ट दें.
We call upon the Chief Justice of India to take suo moto action agsinst this judge and send him for gender sensitisation training. pic.twitter.com/MPEP6x8Jov
— Indira Jaising (@IJaising) September 19, 2024
याचिका की सुनवाई अब बुधवार को होगी
पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और हृषिकेश रॉय भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि इस मामले पर कुछ बुनियादी दिशानिर्देश बनाए जा सकते हैं. सीजेआई ने कहा कि रिपोर्ट अगले दो दिनों में दाखिल की जा सकती है, और यह सुप्रीम कोर्ट के महासचिव के पास जाएगी. याचिका की सुनवाई अब बुधवार को होगी.
संज्ञान लेने की अपील की
एक वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि जज ने एक महिला वकील को फटकार लगाते हुए कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेने की अपील की थी.
दो कमेंट पर SC का संज्ञान
वहीं, एक दूसरे मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के जज द्वारा एक इलाके को मिनी पाकिस्तान बुलाने के मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोट के जज द्वारा की गई टिप्पणी पर स्वात: संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस राजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने इस पर कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से रिपोर्ट मांगी है.