कर्नाटक हाई कोर्ट ने 'क्रूर कुत्तों' की 23 नस्लों पर प्रतिबंध को किया रद्द
कर्नाटक हाई कोर्ट की तरफ से कहा गया कि 'क्रूर कुत्तों' की 23 नस्लों को रोकने के लिए पालतू जानवरों के मालिकों और संबंधित संगठनों से परामर्श किया जाना चाहिए था.
Karnataka High Court: खतरनाक कुत्तों की नसल को खत्म करने को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के सर्कुलर को रद्द कर दिया है. ये आदेश जस्टिस एम. नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने पारित किया है. केंद्र सरकार ने कुत्तों की 23 नस्लों को खतरनाक मानते हुए इनके प्रजनन और पालन पर कोर लगा दी है. किंग सोलमन डेविड और मार्डोना जॉन ने केंद्र के सर्कुलर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस सर्कुलर के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी.
सर्कुलर कानून के खिलाफ
हाईकोर्ट ने केंद्र के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि ये सर्कुलर कानून के खिलाफ है. सर्कुलर जारी करने से पहले केंद्र ने संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श नहीं किया. पशु क्रूरता निषेध अधिनियम के पूरक के लिए कोई समिति नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा की क्रेंद्र सरकार की सिफारिश के आधार पर कुत्तों की 23 नस्लों पर रोक नहीं लगाना चाहिए था. अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार को मौजूदा नियमों के खिलाफ जाकर बैन का आदेश नहीं देना चाहिए था.
संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श करें
कर्नाटक हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श के बाद केंद्र सरकार संशोधन के जरिये नया सर्कुलर जारी कर सकती है.सरकार को कुत्तों की नस्ल प्रमाणन निकायों और पशु कल्याण संगठनों की बात सुननी चाहिए. इसके साथ ही कुत्ते के मालिक की जिम्मेदारी सीमित नहीं होनी चाहिए. कुत्ते के काटने से घायल व्यक्ति को पूरे इलाज के साथ नुकसान के लिए अलग से मुआवजा देना चाहिए.