Karnataka Minister Statement On Ayodhya Ram Mandir: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है. इस बीच कर्नाटक के मंत्री डी सुधाकर के एक बयान से नया विवाद खड़ा होता दिख रहा है. दरअसल, डी सुधाकर ने अपने बयान में कहा है कि "राम मंदिर का निर्माण आगामी लोकसभा चुनावों के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पुलवामा हमले की तरह एक मात्र राजनीतिक स्टंट है.
मीडिया को संबोधित करते हुए, सुधाकर ने भगवान राम के मंदिर परियोजना को प्रदर्शित करने के पीछे सरकार की मंशा पर संदेह व्यक्त किया और सुझाव दिया कि यह ध्यान भटकाने और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति हो सकती है.
कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री डी सुधाकर ने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, "ये सब महज स्टंट हैं. पहले उन्होंने (बीजेपी) पुलवामा दिखाया और अब वे भगवान राम की तस्वीर प्रदर्शित कर रहे हैं. लोग भोले नहीं हैं. हमें दो बार धोखा दिया गया, और मुझे विश्वास है कि हम तीसरी बार धोखा नहीं खाएंगे. डी सुधाकर ने यह भी दावा किया कि सभी ने भगवान राम मंदिर के निर्माण के लिए दान और ईंटों के प्रतीकात्मक दान सहित योगदान दिया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भगवान राम सभी के पूजनीय हैं और भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए.
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा, "हम सभी ने भगवान राम मंदिर के निर्माण के लिए धन का योगदान दिया. मैंने दान दिया, हम सभी के लिए भगवान राम पूजनीय हैं. हम वहां भेदभाव नहीं कर सकते. उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के प्रयास आध्यात्मिकता की आड़ में मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास हैं. पिछले चुनावों से तुलना की जब मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पुलवामा हमले का कथित तौर पर फायदा उठाया गया था.
डी सुधाकर ने आरोप लगाते हुए कहा, "पिछली बार, उन्होंने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पुलवामा का इस्तेमाल किया. लोगों को यह विश्वास दिलाकर प्रभावित किया गया कि वे देश की रक्षा करेंगे. लेकिन पिछली बार कितनी जानें गईं?" First Updated : Sunday, 31 December 2023