पति का कर्ज चुकाने के लिए पत्नी ने बेच दिया अपना ही बच्चा, 1.5 लाख में किया सौदा

Karnataka Crime: कर्नाटक में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने पति का तीन लाख रुपये का कर्ज चुकाने के लिए अपने नवजात बच्चे को बेचने का कदम उठाया. इस बारे में पति ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी ने पहले भी कर्ज के दबाव के कारण बच्चे को बेचने का सुझाव दिया था, जिसके बाद दोनों के बीच झगड़ा हुआ था.

Ritu Sharma
Edited By: Ritu Sharma

Karnataka Crime: कर्नाटक के रामनगर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने नवजात बच्चे को 1.5 लाख रुपये में बेच दिया. यह कदम उसने पति का तीन लाख रुपये का कर्ज चुकाने के लिए उठाया. मामला तब उजागर हुआ जब बच्चे के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. फिलहाल, आरोपी महिला उसके दो सहयोगियों और बच्चे को खरीदने वाली महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है.

पिता की शिकायत से हुआ खुलासा

आपको बता दें कि 7 दिसंबर 2024 को बच्चे के पिता ने पुलिस को सूचना दी कि उसका 30 दिन का बेटा गायब है. उसने अपनी पत्नी पर शक जताया. पुलिस जांच में पाया गया कि दिहाड़ी मजदूर दंपत्ति के पांच बच्चे हैं और परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. वहीं पिता ने बताया, ''मेरे ऊपर तीन लाख रुपये से अधिक का कर्ज है. कुछ दिनों पहले मेरी पत्नी ने सुझाव दिया था कि हम नवजात को बेचकर कर्ज चुका सकते हैं, लेकिन मैंने सख्त मना कर दिया. इसके बाद भी उसने बच्चे को बेच दिया.''

पहले से थी योजना

बता दें कि पिता के अनुसार, 5 दिसंबर को घर लौटने पर पत्नी ने बताया कि बच्चा बीमार है और उसे रिश्तेदार के साथ डॉक्टर के पास भेजा गया है. इस पर पिता ने विश्वास कर लिया. लेकिन जब अगले दिन भी बच्चा नहीं लौटा और पत्नी ने अस्पष्ट जवाब दिए, तो उसे शक हुआ. पिता ने पुलिस को बताया, ''मैंने जब रिश्तेदार का नाम और नंबर पूछा, तो पत्नी टालमटोल करने लगी. इस पर हमारा झगड़ा हुआ. बाद में उसने बच्चे को 1.5 लाख रुपये में बेचने की बात कबूल की.''

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी

इसके अलावा आपको बता दें कि पुलिस ने महिला से पूछताछ की तो उसने शुरुआत में रिश्तेदार के पास बच्चे के होने की बात कही. लेकिन गहन पूछताछ के बाद उसने स्वीकार किया कि उसने बेंगलुरु की एक महिला को नवजात को 1.5 लाख रुपये में बेच दिया. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्चे को बरामद कर मांड्या के बाल कल्याण गृह भेज दिया.

सामाजिक और कानूनी पहलू

बहरहाल, यह घटना न केवल समाज में बढ़ती आर्थिक असमानता को उजागर करती है, बल्कि गरीबी और कर्ज के बोझ तले दबे लोगों की मजबूरी को भी दिखाती है. महिला की इस हरकत ने उसके नवजात को तो बचा लिया, लेकिन वह खुद कानून की गिरफ्त में आ गई. यह मामला गरीबी और नैतिकता के बीच की जटिलता पर गंभीर बहस छेड़ता है.

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11 December 2024, 04:18 PM IST

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