काशी-मथुरा विवाद: VHP ने 30 रिटायर्ड जजों के साथ की मीटिंग, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

Kashi-Mathura dispute: विश्व हिंदू परिषद ने हाल ही में 30 रिटायर्ड जजों के साथ एक मीटिंग की. रविवार को वीएचपी के विधि प्रकोष्ठ (कानूनी प्रकोष्ठ) द्वारा आयोजित एक बैठक में सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के लगभग 30 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने भाग लिया. मीटिंग में उन्होंने वाराणसी और मथुरा मंदिरों पर कानूनी विवाद, वक्फ (संशोधन) विधेयक और अन्य मुद्दों के बीच धार्मिक रूपांतरण पर चर्चा की गयी. इस बैठक में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद थे.

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Kashi-Mathura dispute: वाराणसी और मथुरा मंदिरों पर कानूनी विवाद को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने हाल ही में 30 रिटायर्ड जजों के साथ एक मीटिंग की. इसमें वक्फ (संशोधन) विधेयक और अन्य मुद्दों के बीच धार्मिक रूपांतरण पर चर्चा की गयी. साथ ही इस बैठक में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद थे. इस बैठक में 30 रिटायर्ड जजों के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई. 

विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि हमने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को आमंत्रित किया था. समाज के सामने मौजूद मुद्दों- जैसे वक्फ (संशोधन) विधेयक, मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में सौंपना, धर्मांतरण पर चर्चा की गई. इसका उद्देश्य न्यायाधीशों और विहिप के बीच विचारों का मुक्त आदान-प्रदान था ताकि दोनों एक-दूसरे के बारे में समझ विकसित कर सकें.

बैठक में कई विचारों का हुई चर्चा

इस बैठक में विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यह विचारों के आदान-प्रदान का मंच है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर चर्चा हुई. हिंदुओं को प्रभावित करने वाले कानूनों, मंदिरों की मुक्ति, धर्मांतरण, गायों की हत्या और वक्फ बोर्ड पर चर्चा की गई. रविवार रात मेघवाल ने मीटिंग की तस्वीरें एक्स पर पोस्ट कीं. जिसमें कई पूर्व न्यायाधीशों के अलावा आलोक कुमार और संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन जैसे वरिष्ठ वीएचपी नेता थे.

कानूनी मुद्दों पर हुई चर्चा

इस दौरान मेघवाल ने कहा कि भारत को एक विकसित देश बनाने के उद्देश्य से न्यायिक सुधारों पर विस्तृत चर्चा हुई. मीटिंग में सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायविद, वरिष्ठ वकील और बुद्धिजीवी उपस्थित थे. विहिप सूत्रों ने कहा कि समसामयिक कानूनी मुद्दों पर चर्चा के अलावा, विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि न्यायाधीशों की भूमिका सेवानिवृत्ति के बाद समाप्त नहीं होती है, उन्हें राष्ट्र निर्माण में शामिल होकर योगदान देना चाहिए.

VHP की मीटिंग में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

यह मीटिंग इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि संघ परिवार के कई वैचारिक मुद्दे वर्तमान में अदालतों में लंबित हैं. इनमें वाराणसी में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह का विवाद शामिल है. विभिन्न भाजपा शासित राज्यों द्वारा पारित कुछ धर्मांतरण विरोधी कानून भी अदालतों की जांच के दायरे में आ गए हैं. साथ ही वक्फ विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेज दिया गया है, जिस पर जेडीयू और एलजेपी जैसे भाजपा सहयोगियों ने भी आपत्ति व्यक्त की है.

First Updated : Tuesday, 10 September 2024