Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसे लेकर राजनीति में तीखी बहस छिड़ गई है. केजरीवाल का इस्तीफा दिल्ली में नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी के चयन के साथ हुआ है. इस्तीफे की इस घोषणा पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने कठोर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने केजरीवाल के इस्तीफे को चुनावी चाल बताते हुए इसे दिल्ली की जनता के प्रति उनके लापरवाह रवैये का परिणाम करार दिया. मायावती ने यह भी पूछा कि जब केजरीवाल जेल में थे और दिल्ली की जनता को विभिन्न असुविधाओं का सामना करना पड़ा, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
मायावती का कांग्रेस पर हमला
मायावती ने इस मौके पर कांग्रेस पर भी हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेसी सरकार ने जेवर एयरपोर्ट और गंगा एक्सप्रेसवे जैसे महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं में अड़चनें डालकर जनहित और विकास को बाधित किया. मायावती का कहना है कि जब बीएसपी की सरकार उत्तर प्रदेश में थी, तब केंद्र की कांग्रेस सरकार ने भी कई विकास परियोजनाओं में रुकावट डालने का काम किया, जिससे जनहित की योजनाओं को नुकसान पहुंचा.
मायावती का सुझाव
मायावती ने सुझाव दिया कि सत्ता और विपक्ष के बीच राजनीतिक लड़ाई शत्रुता का रूप न लें ताकि देश और जनता के मुद्दे प्रभावित न हों. उनका कहना है कि राजनीतिक वार-पलटवार के बजाय, जनहित के मामलों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.
आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला
केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने उनके इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं. भाजपा ने इसे चुनावी लाभ के लिए उठाया गया कदम बताया है, जबकि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह नैतिकता के आधार पर नहीं बल्कि राजनीतिक फायदे के लिए किया गया है. इस परिप्रेक्ष्य में, दिल्ली की राजनीति में उठापटक और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. First Updated : Tuesday, 17 September 2024