केजरीवाल की अखिलेश से बात, ममता की कॉल...दिल्ली में कैसे INDIA Bloc से बाहर हो गई कांग्रेस?, पढ़ें इनसाइड स्टोरी

कांग्रेस को यकीन था कि इंडिया गठबंधन की पार्टियां से उसे भी सहयोग मिलेगा. उसे लगा था कि दिल्ली की लड़ाई में वह अलग-थलग नहीं पड़ेगी. मगर उसके सपने पर पानी फिर गया. इंडिया गठबंधन के सभी साथियों ने अपनी मंशा साफ कर दी है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

दिल्ली का दंगल कांग्रेस के लिए अमंगल साबित हो रहा है. इंडिया ब्लॉक की बॉस माने जाने वाली कांग्रेस को ही अब उसके सहयोगी बाहर का रास्ता दिखाने की कोशिश में लगे हैं. पहले उसके नेतृत्व पर सवाल उठे. अब उसके साथ कोई दल चुनाव लड़ना नहीं चाहता है. उसके सभी अपने एक-एक कर पराए होते जा रहे हैं. कांग्रेस इंडिया गठबंधन से माइनस होती जा रही है. ममता बनर्जी, अखिलेश यादव या तेजस्वी… सबने कांग्रेस को ठेंगा दिखा दिया. दिल्ली की लड़ाई से पहले ही हाथ कमजोर हो गई है. 

अखिलेश-ममता ने किया तय

कांग्रेस को यकीन था कि इंडिया गठबंधन की पार्टियां से उसे भी सहयोग मिलेगा. उसे लगा था कि दिल्ली की लड़ाई में वह अलग-थलग नहीं पड़ेगी. मगर उसके सपने पर पानी फिर गया. इंडिया गठबंधन के सभी साथियों ने अपनी मंशा साफ कर दी है. दिल्ली चुनाव में किसका सपोर्ट करना है, ममता बनर्जी से लेकर अखिलेश तक ने तय कर लिया है. अरविंद केजरीवाल की ‘आप’ को ममता-अखिलेश का साथ मिल गया है.

आम आदमी पार्टी खुश है. उसे कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ लड़ाई में अहम सहयोगियों का साथ मिल गया है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को लेकर कुछ दिन पहले तक मामला फिफ्टी-फिफ्टी का लग रहा था. ऐसा लग रहा था कि इंडिया गठबंधन के अन्य साथी दोनों को या तो बराबर सपोर्ट करेंगे या खुद को तटस्थ रखेंगे. पर ऐसा नहीं हुआ. सबने अपने पत्ते खोल दिए. अब सवाल है कि आखिर महज 24 घंटे के भीतर ऐसा कौन सा खेल हुआ, जिससे दिल्ली में इंडिया गठबंधन से कांग्रेस पूरी तरह माइनस ही हो गई. कल तक जो इंडिया गठबंधन की सरताज थी, आज वह साथियों के सपोर्ट की मोहताज हो गई.

चलिए जानते हैं उस दो फोन कॉल की कहानी, जिसने दिल्ली की सियासत में कांग्रेस का पूरा खेल ही बदल दिया.

हरियाणा-महाराष्ट्र में हार के कांग्रेस ने बदली रणनीति

हरियाणा-महाराष्ट्र चुनाव हार के बाद से ही कांग्रेस की हालत खराब थी. उसने सोचा था कि दिल्ली में वह आक्रामक होकर चुनाव लड़ेगी. इसकी रणनीति भी बनी और जमीन पर असर भी दिखा. कांग्रेस ने आप पर खूब हमला बोला. केजरीवाल पर पर्सनल अटैक तक किए. बस कांग्रेस ने यहीं गलती कर दी. अरविंद केजरीवाल ने इसे मौके के रूप में लिया. इंडिया गठबंधन से कांग्रेस को बाहर करने की मांग कर दी. इसका असर हुआ कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने दिल्ली के दंगल में अरविंद केजरीवाल की आप को सपोर्ट कर दिया. यह सब महज 24 घंटे के भीतर हुआ.

दरअसल, अखिलेश यादव ने मंगलवार के दिन अरविंद केजरीवाल को फोन किया. सपा प्रमुख ने फोन पर साफ कर दिया कि समाजवादी पार्टी दिल्ली में आम आदमी पार्टी का समर्थन करेगी. कांग्रेस-भाजपा से मुकाबला कर रही आम आदमी पार्टी को इससे राहत महसूस हुई. ठीक अगले ही दिन यानी बुधवार को अरविंद केजरीवाल को एक और फोन आया. यह फोन था दीदी का. ममता बनर्जी ने भी बुधवार को अरविंद केजरीवाल की पार्टी को अपना समर्थन दे दिया. इसके बाद तो अरविंद केजरीवाल की बाछें खिल गईं. अरविंद केजवीला ने तुंरत एक्स का सहारा लिया. दोनों का बारी-बारी से समर्थन के लिए आभार जताया.

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10 January 2025, 04:20 PM IST

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