केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का दावा, UCC को लेकर कही ये बात
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को एक बार फिर से समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर अपना समर्थन को दोहराया है. उन्होंने कहा केवल केंद्र ही इसे लागू करने काम कर सकती है..
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए बोले कि 2019 में तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाए जाने के बाद मुसलमानों में इसकी औसत 96 प्रतिशत की कमी आई है और इससे महिलाओं व बच्चों को लाभ हुआ है. समान नागरिक संहिता (UCC) पर यहां एक सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह अजीब नहीं है कि जब कोई न्याय मांगता है तो उससे पहले धर्म के बारें में पूछा और जाना जाता है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (ALMPLB) द्वारा समान नागरिंक सहिता (UCC) पर अपनी आपत्तियां विधि आयोग को भेजे जाने पर खान ने कहा, "हर किसी को अपनी राय देने करने का अधिकार है. राज्यपाल ने कहा, विधि आयोग ने सुझाव मांगे है और मै आशा करता हूं कि जो भी सुझाव आएंगे, उन पर विधि आयोग और सरकार पूरा ध्यान देगी."
तालाक और विरासत पर कानूनों के एक सामान्य सेट को संदर्भित करता है जो धर्म, जनजाती या अन्य स्थानीय रीति रिवाजों के बाबजूत सभी भारतीय नागरिकों पर लागू होगा. विधि आयोग ने 14 जून को UCC पर नए सिरे से विचार विमर्श की प्रकिया शुरू की थी और राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मु्द्दे पर सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से राय मांगी थी.