Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता का वीडियो वायरल होने के बाद देश सहम चुका है. वीडियो वायरल होने के अगले दिन ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) ने इसका संज्ञान लेते हुए कहा, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस घटना से आहत लोगों ने सोशल मीडिया पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिहं (Manipur CM) की इस्तीफे की मांग की है. वहीं अब इस घटना को लेकर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का बड़ा बयान सामने आया है.
'शर्म से झुक गया मेरा सिर'
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मेरा सिर शर्म से झुक गया है. सिर्फ मणिपुर ही नहीं, मेरे पास अपने दर्द और पीड़ा को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है. महिलाओं के साथ इस तरह से व्यवहार करने वाला कोई इतना अमानवीय और इतना क्रूर कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि कानून और व्यवस्था प्रवर्तन एजेंसियां इस घटना में शामिल दोषियों को सजा दिलाने और खासकर महिलाओं के बीच विश्वास पैदा करने के लिए ओवरटाइम काम कर रही होंगी.
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए, मुझे पूरी उम्मीद है कि मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए काम कर रही होंगी.
महिलाओं के साथ हुई बर्बता का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
बता दें कि मणिपुर हिंसा में महिलाओं के साथ काफी जुर्म हुआ. सोशल मीडिया पर 4 दिन पहले वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करवाई जा रही है. दोनों महिलाओं के साथ बर्बरता पूर्वक घटना हुई है. यह दोनों महिलाएं कुकी समुदाय की थी. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया और इसके बाद पुलिस एक्शन में आई. इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य आरोपियों की तालाश जारी है.
मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में हंगामा
मणिपुर की घटना को लेकर संसद में हंगामा मचा हुआ है. विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर बहस करने के लिए सरकार से मांग कर रहा है. हालांकि सरकार ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण तरीके से बहस के लिए तैयार है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विट करते हुए लिखा कि नरेंद्र मोदी जी, आपने संसद के भीतर बयान नहीं दिया. वहीं नेशनल कॅान्फ्रेंस अध्यक्ष फारुक अबदुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर मामले पर अपनी बात रखी हैं लेकिन उन्हें संसद में बयान देना चाहिए.
First Updated : Monday, 24 July 2023