Keshav Prasad Maurya Support Caste Census: बिहार में राज्य सरकार द्वारा कराए गए जाति आधारित सर्वेक्षण की रिपोर्ट 2 अक्टूबर को जारी कर दी गई है. इसके बाद से ही देशभर में एक बहस छिड़ गई है. विपक्षी दलों सहित एनडीए में शामिल कई राजनीतिक दलों ने भी पूर देश में जाति आधारित सर्वेक्षण कराने को लेकर केंद्र सरकार से मांग कर रही है.
बिहार सरकार द्वारा जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी करने पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "मैं व्यक्तिगत तौर पर जातिगत जनगणना का विरोध नहीं करता हूं. मैं इसका समर्थन करता हूं लेकिन आज जो पर्टियां जातिगत जनगणना की बात कर रही हैं जब वे सत्ता में थीं तब उन्होंने उन जातियों के लिए क्या किया? गरीब, अनपढ़ व अन्य का जीवन स्तर क्यों नहीं सुधरा? इसका अगर कोई अपराधी है तो वह सपा, बसपा और कांग्रेस है."
राज्य में पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा
बिहार सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में सबसे ज्यादा पिछड़ा वर्ग की आबादी है. राज्य के कुल 63 फीसदी आबादी इस वर्ग से आती है. इनमें 27 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग के लोगों की है जबकि 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियों की आबादी है.
वहीं, राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या सबसे कम 21,99,361 है. जो कुल आबादी का 1.68 फिसदी है.आंकड़ों में कहा गया है कि यादव एकमात्र जाति है जिसकी आबादी राज्य में 10 फीसदी से भी ज्यादा है. First Updated : Wednesday, 04 October 2023