Budget 2024: देश में सबसे लंबा बजट कब और किसने किया पेश, पढ़ें इससे जुड़ी रोचक जानकारियां
Budget 2024: साल 2024 का बजट जल्द ही पेश होने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 का बजट संसद में पेश करेगी . इस दौरान भारत ही नहीं पूरे विश्व की निगाहें उन पर टिकी हुई हैं. इस आर्टीकल में जानें अब तक पेश हुए बजट से जुड़े महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य...!
Budget 2024: साल 2024 का बजट जल्द ही पेश होने वाला है. ऐसे में हर वर्ग के लोगों के मन में सवाल खड़ा होता है की इस बार उनके लिए सरकार क्या खास करेगी जिससे उनको फायदा होगा. आपको बता दें कि अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण निर्मला सीतारमण ने पेश किया है. इसके अलावा जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने बजट को पेश किया था.आइए आपको बातते हैं अब तक पेश हुए बजट से जुड़े जरूरी और रोचक तथ्य.
सबसे ज्यादा बार आम बजट किसने पेश किया
मोरारजी देसाई ऐसे शख्स है जिन्होंने सबसे ज्यादा बार बजट पेश किया है. मोरारजी देसाई ने 10 बार आम बजट पेश किया है. इसके बाद दूसरा स्थान पी चिदंबरम का है जिन्होंने 9 बार बजट पेश किया है. तीसरे स्थान पर सीडी देशमुख और यशवंत सिन्हा है इन्होंने 7 बार बजट पेश किया है. मनमोहन सिंह ने 6 बार और टीटी कृष्णमाचारी ने भी 6 बार आम बजट पेश किया.
वित्त मंत्री बजट के दस्तावेज किसमें लाते हैं
साल 2018 तक वित्त मंत्री बजट के दस्तावेज को ब्रीफकेस में लाए थे. लेकिन साल 2019 में निर्मला सीतारमण फाइल में बजट दस्तावेज लेकर आई थी. जिसे बही-खाता कहा जाता है. इस बही-खाते को राष्ट्रीय प्रतीक बनाया गया था. इसके बाद निर्मला सीतारमण ने 2020 में एक टैबलेट से बजट भाषण पढ़ा था, जिसमें देश में बढ़ते डिजिटल डिजिटल प्रतीक के रूप में देखा गया था.
पहला बजट किसने पेश किया था
26 नवंबर, 1947 को वित्त मंत्री शानमुखम चेट्टी ने हमारे देश का पहला बजट पेश किया था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पहली केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं. बजट केंद्रीय सूची वाली दूसरी महिला महिला निर्मला सीतारमण हैं.
सबसे छोटा बजट
देश के सबसे लंबे और सबसे छोटे आम बजट की बात करें, तो साल 2020 में निर्मला सीतारमण ने 2 घंटे 40 मिनट का बजट भाषण अब तक का सबसे बड़ा बजट था. 1977 में एच एम पटेल ने 800 शब्दों का सबसे छोटा बजट भाषण दिया था.
'ब्लैक बजट' क्या है
साल 1973-1974 के बजट को 'ब्लैक बजट' कहा गया है, ये 550 करोड़ के घाटे का बजट था. इसे वित्त मंत्री यशवंतराव बी.चव्हाण ने पेश किया था. दरसल, उस समय 550 करोड़ का मुख्य बजट घाटा था.
केंद्रीय बजट को रेल बजट के साथ कब जोड़ा गया
अलग से रेल बजट पेश नहीं किया गया, जिसकी शुरुआत 1924 में हुई थी. रेल बजट और केंद्रीय बजट को उस बिंदु से वर्ष 2016 तक अलग-अलग पेश किया गया. लेकिन अरुण जेटली साल 2017 में केंद्रीय बजट को रेल बजट के साथ जोड़ने का विचार सामने लाए.अरुण जेटली वर्ष 2017 में केंद्रीय बजट को रेल बजट के साथ जोड़ने का विचार सामने लाए. अरुण जेटली ने 2017 में अपना पहला संयुक्त केंद्रीय बजट पेश किया था.
'द एपोचल बजट'
देश के प्रधानमंत्री बनने से पहले वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 1991-1992 में 'द एपोकल बजट' के रूप में जाने वाला एक केंद्रीय बजट पेश किया था. अभी तक भारत को स्थायी रूप से बदलाव के रूप में देखा गया है. इस बजट में देश के आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की गई थी.
बजट पेश करने का समय
बजट पहले शाम 5 बजे पेश किया गया था, लेकिन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने साल 1999 में बजट पेश करने का समय सुबह 11 बजे कर दिया था. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करने की तारीख 2017 उसी समय 1 फरवरी कर दी थी. साल 1950 तक राष्ट्रपति भवन में बजट छपता था. लेकिन साल 2023 में बजट उल्लंघन का कारण मुद्रण स्थान को स्थानांतरित कर दिया गया था.