Vivek Bindra: विवेक बिंद्रा कैसे बने मोटिवेशनल स्पीकर, जानें पूरी कहानी...
Vivek Bindra: भारत के प्रसिद्ध सक्सेसफुल मोटिवेशनल स्पीकर बिजनेस कोच इंटरप्लेनार और लेखक हैं उनके साथ साथ वह बड़ा बिजनेस कंपनी के को फाउंडर और सीईओ हैं. आईये जानते हैं उनके जीवन के बारे में .
Vivek Bindra: मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा पर पत्नी के साथ मारपीट करने का मुकदमा दर्ज हुआ है. आरोप है कि विवेक बिंद्रा ने कमरे में बंद कर अपनी पत्नी की पिटाई की. पिटाई से पत्नी के कान का पर्दा फट गया और उसने शरीर पर चोट के निशान बन गए हैं. जिसको बाद नोएडा के सेक्टर-126 थाने में पत्नी से मारपीट करने का मुकदमा दर्ज हुआ है.
विवेक बिंद्रा कौन है
विवेक बिंद्रा एक सफल बिजनेस कोच होने के साथ-साथ वह एक बड़ी बिजनेस कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ भी हैं। उनका यूट्यूब चैनल दुनिया का सबसे बड़ा उद्यमी यूट्यूब चैनल है. वे कई प्लेटफार्मों पर लाखों लोगों के जीवन को बदलते हैं. विवेक बिंद्रा शक्तिशाली प्रेरक भाषण देते हैं, वह व्यवसाय की खूबियों, व्यवसाय के लाभ और हानि के बारे में बात करते हैं. विवेक बिंद्रा की फैन फॉलोइंग पूरी दुनिया में है.
विवेक बिंद्रा का जन्म और परिवार
विवेक बिंद्रा का जन्म 5 अप्रैल 1982 को दिल्ली में हुआ था. सामान्य बच्चों की तरह उन्हें माता-पिता का प्यार नहीं मिला. 3 साल की उम्र में उनके पिता को पता चला, कुछ समय बाद उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली. उनका जीवन काफी नाटकीय और संघर्ष से भरा था. उन्होंने अपने बचपन के कई संस्मरण पढ़े। उनका परिवार एक सिख परिवार से है, जो पाकिस्तान से भारत आया था. उनके दादा का नाम गुरु चरण है, जो लखनऊ के निवेश कर अधिकारी थे और पिता का नाम कुलवंत राय बिंद्रा है.
विवेक बिंद्रा एजुकेशन
विवेक बिंद्रा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल में पूरी की। उनके पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं थे, जिसके कारण उन्हें कई स्कूल बदलने पड़े, अंततः 10वीं और 12वीं तक की पढ़ाई सेंट जेवियर्स स्कूल से की. उन्हें गणित पसंद नहीं था, बिजनेस के बारे में पढ़ना हमेशा अच्छा लगता था. 11वीं कक्षा में एक किताब "यू कैन विन" पढ़ी जिसने बहुत प्रभावित किया. उन्होंने बिजनेस और एन्प्रेसन के क्षेत्र में काम करने की इच्छा को आगे बढ़ाया. उन्होंने अमिति कॉलेज से एमबीए (एमबीई) और यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन बिजनेस कॉलेज से 1 साल के लिए एमबीए की पढ़ाई की। जहां 15 लाख की जरूरत थी लेकिन पैसे की कमी के कारण एमबीए नहीं कर सका.
विवेक बिंद्रा का जीवन
विवेक बिंद्रा का जन्म 5 अप्रैल 1982 को नई दिल्ली में हुआ था, कुछ ही कुछ बाद उनके पिता की मृत्यु हो गई, कुछ समय बाद मां ने दूसरी शादी कर ली, जिससे उसे बचपन में मां बाप का प्यार नसीब नहीं हुआ. माता-पिता के चले जाने का उनके जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा; उनका जीवन बहुत कष्टकारी और चुनौतीपूर्ण हो गया. उन्होंने अलग-अलग रिश्तेदारों के यहां रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की.
बिजनेस की शुरुआत
विवेक बिंद्रा इस समय देश के सबसे लोकप्रिय बिजनेस कोच हैं, उनके पास बिग-बैट क्लैंट की कोई कमी नहीं है. उन्होंने बड़े-बड़े यूनियनों के मुद्दे, कंपनी के इंप्लाइज के मुद्दे और बिजनेस से संबंधित सारी जटिल समस्याओं का समाधान किया. जिस कारण बाजार में विवेक बिंद्रा की कीमत काफी बढ़ गई। यह अभी तक बड़ी बड़ी संस्था थी, बड़ी बड़ी कंपनी को देखा था, यूनिक यूनिक ही फ्रेंचाइजी की कमाई भी हुई थी, लेकिन उनके करीबी छोटे के प्रश्न आए थे. डी-मेगा मार्ट कैसे बने, हम गौतम अडानी कैसे बने, हमें कोई कर्ज नहीं दे रहा हम क्या करें, हमारा सेल नहीं हो रहा सेल का सिद्धांत, ग्राहक की समस्या का समाधान कैसे करें.
vivek bindra कोच कैसे बने
विवेक बिन्द्रा जब विवेक बिन्द्रा बिन्द्रावन में सन्यासी जीवन से साक्षात्कार कर रहे थे, तो उनके गुरु जी ने उनके भीतर की गुप्त प्रतिभा को नष्ट कर दिया. उन्होंने पाया कि विवेक बिंद्रा के पास बिजनेस को लेकर डायनामिक स्टेटजी है, वेबसाइटों को तुरंत कन्वेंस कर लेते हैं. साथ ही भागवत गीता का ज्ञान बहुत अच्छा है, बस विवेक से संन्यासी जीवन से जुड़े प्रेरक गुरु तथा मंडलों में पतन का अवलोकन दिया. अपने गुरु के बताए गए आदेश को ध्यान में रखते हुए जब विवेक बिंद्रा मैदान में उतरा तो बहुत जल्द ही वह सफलता के शिखर पर पहुंच गया.आज वह मोटिवेशनल स्पीकर, कॉरपोरेट ट्रेनर, बिजनेस कंसलटेंसी हैं
ग्लोबल अकैडमी कंपनी
ग्लोबल एकेडमी फॉर कंसल्टिंग एंड ट्रेनिंग, यह कार्पोरेट के लिए काम करता था. इसकी स्थापना 2012 में हुई थी, इसमें मारुति, ओ एनजीसी, गेल, वेदांता, होंडा, एनटीपीसी आदि ने काम किया था. यूनियन और मैनेजर के कर्मचारियों के बीच समझौता हो गया। स्क्वाट्स और मारुति मैनेजर से विवेक सर को पहली पहचान मिली. इस तरह के सवाल को लेकर बड़ा बिजनेस कंपनी का जन्म हुआ.