Explainer: भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को ऐसा क्या मिला कि एक और पदयात्रा का कर दिया ऐलान पढ़िए डिटेल स्टोरी

2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि राहुल गांधी एक और पदयात्रा करने जा रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी न्याय यात्रा करने जा रह हैं.

calender

जब देश अंग्रेजों का गुलाम था तो उस वक़्त भारत को आज़ादी दिलाने के लिए कई तरह जतन किए जा रहे थे. हम बात कर रहे हैं 9 जनवरी 1915 की. यह वो दिन है जब महात्मा गांधी अफ़्रीका से लौटकर हिंदुस्तान आए थे. यहां से उन्होंने आज़ादी की लड़ाई में एक नई जान फूंक दी थी. अफ़्रीका से लौटने के बाद महात्मा गांधी ने कई पैदल यात्राएं कीं और देश के हालात को जाना समझा. जिससे आज़ादी की लड़ाई में यकीनन बहुत मदद मिली होगी. 

Mahatma Gandhi

आज़ाद भारत में होने वाली पदयात्राएं

भारत आज़ाद हुआ और उसके बाद सिर्फ़ दो पैदल यात्राएं हुई हैं. एक चंद्रशेखर ने की थी और दूसरी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने. चंद्रशेखर की पदयात्रा भी कन्याकुमारी से शुरू हुई थी लेकिन इस यात्रा का समापन राजधानी दिल्ली में हुआ था. वहीं राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कश्मीर में जाकर ख़त्म हुई थी. वहीं, राहुल गांधी द्वारा अब एक और पदयात्रा का ऐलान कर दिया गया है. 

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर

राहुल गांधी करेंगे ’न्याय यात्रा’

दरअसल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब ‘न्याय यात्रा’ पर निकलने वाले हैं.  कांग्रेस की तरफ़ से 27 दिसंबर को ऐलान करते हुए कहा गया कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 14 जनवरी से ‘न्याय यात्रा’ करेंगे. राहुल गांधी की इस यात्रा का आग़ाज़ मणिपुर से होगा जबकि मुंबई में जाकर इसका समापन होगा. ‘न्याय यात्रा’ के दौरान कुल 6200 किलोमीटर की दूरी तय करने की योजना है. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी 14 राज्य और 85 ज़िलों का भ्रमण करेंगे. अब सवाल यह उठता है कि आख़िर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद कांग्रेस को ऐसा क्या हासिल हुआ था कि उन्होंने एक बार फिर पदयात्रा का करने का फ़ैसला लिया है? चलिए इसके विस्तार से समझते हैं. 

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर

पदयात्राओं का महत्व

भारतीय संस्कृति में यात्राओं का बहुत महत्व है. कहा जाता है कि पदयात्राएं व्यक्तित्व को गंभीर बनाती हैं. हिंदू धर्म में भी पदयात्राओं का ख़ास महत्व है. यात्राओं के ज़रिए ही हम अलग-अलग तरह की संस्कृतियों को पहचान सकते हैं. यात्राओं से ही अंदाज़ा होता है कि हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में हालात कैसे हैं, लोग कैसे हैं, उनकी ज़रूरतें क्या हैं और उनके विचार कैसे हैं? यकीनन राहुल गांधी ने भी इन सभी चीजों को समझा होगा और ये चीजें राजनीति के लिए बहुत मायने रखती हैं.

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर

सीरियस नेता बनकर उभरे राहुल गांधी

भारत जोड़ो यात्रा का सबसे ज़्यादा असर राहुल गांधी के व्यक्तित्व पर पड़ा. लोगों ने उन्हें सीरियस लेना शुरू कर दिया. भारत जोड़ो यात्रा से पहले राहुल गांधी से संबंधित मीम्स और उनके बयानों की सोशल मीडिया पर खूब मज़ाक़ उड़ाई जाती थी लेकिन इस यात्रा के बाद इसमें थोड़ी कमी दर्ज की गई है. 

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर

इन मुद्दों पर राहुल ने सरकार को घेरा

राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को मीडिया में ख़ासी जगह मिली. जिसके ज़रिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर हमले बोले. इस दौरान राहुल गांधी ने भाजपा की कथित नफ़रत के ख़िलाफ़ मुहब्बत की दुकान खोलने, महंगाई-बेरोज़गारी पर सरकार को घेरने और चीन की तरफ़ से भारतीय सीमा क्षेत्र में की जा रही दखल अंदाज़ी पर सरकार को घेरा. इस दौरान राहुल गांधी ने मीडिया पर कई आरोप लगाए. साथ ही गौतम अडानी मामले को लेकर भी देश के प्रधानमंत्री को घेरा. 

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर

भारत जोड़ो यात्रा से सत्ता पक्ष में मची थी खलबली

‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान बहुत कम बार ऐसा हुआ कि सत्ता पक्ष राहुल गांधी को घेर पाया है. हालांकि एक बार राहुल गांधी की टी-शर्ट वाला मुद्दा भाजपा ने भुनाना चाहा लेकिन पार्टी उसमें कामयाब नहीं हो पाई. बल्कि भाजपा की तरफ़ से यह मुद्दा उठाने के बाद राहुल गांधी की तारीफ़ और ज़्यादा होने लगी, क्योंकि वो ज़बरदस्त ठंड में सिर्फ़ एक टी-शर्ट पहने यात्रा कर रहे थे. 

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर

विपक्षी नेताओं में निकले आगे

भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी विपक्ष के अन्य नेताओं में आगे निकल गए. यात्रा से पहले ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे विपक्षी नेताओं ने राहुल गांधी को लेकर कई सवाल खड़े किए थे लेकिन यात्रा के बाद राहुल ने ख़ुद को साबित किया. साथ ही विपक्ष के उन नेताओं के मुंह बंद कर दिए जो उनको हल्के में आंक रहे थे. विपक्षी पार्टियों में ख़ुद को मनवाने के लिए कांग्रेस के लिए पहले राहुल का मनवाना ज़रूरी था. 

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर

‘हिंदू विरोधी कांग्रेस’ के टैग पर भी किया काम

यात्रा के दौरान राहुल गांधी के लिए कई बड़ी चुनौतियों में से एक यह भी था कि कांग्रेस को हिंदुत्व विरोधी के टैग से बचना था. दरअसल, साल 2012 में जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की हार हो गई थी तो तब कांग्रेस ने एंटनी समिति बनाई थी. हालांकि इस कमेटी के ज़रिए बनाई गई रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया. लेकिन सूत्रों के हवाले से मीडिया में ख़बर सामने आई थी कि कांग्रेस ख़ुद को धर्म-निर्पेक्ष साबित करने के चक्कर में कई बार हिंदुओं के विरोध में दिखने लगती है. ऐसे में राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान काफ़ी हद तक कांग्रेस को ‘हिंदू विरोधी’ के टैग से हटाया. क्योंकि राहुल गांधी यात्रा के दौरान मंदिरों में गए, जनेऊ पहना और बार-बार भगवान का ज़िक्र किया.

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर

यात्रा से लोग तो जुड़े लेकिन वोट...

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की सैंकड़ों ऐसी तस्वीरें सामने आईं जो भावुक कर देने या फिर लोगों के दिलों में जगह बना लेने वाली हुआ करती थी. कभी वो किसी बच्चे से बात कर रहे होते थे. कभी किसी बुजुर्ग का सहारा बन रहे थे तो कहीं आम लोगों को गले लगाते दिखाई दे रहे थे. इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने लोगों को जोड़ लिया था.

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर

हालांकि यह कह पाना मुश्किल है कि इस यात्रा से राहुल वोट इकट्ठा कर पाए. राहुल गांधी अब एक और बड़ी यात्रा करने जा रहे हैं. 2024 से पहले ‘न्याय यात्रा’ को कांग्रेस मास्टरस्ट्रोक समझ रही है. हालांकि, यह यात्रा चुनावों पर कितना प्रभाव डालेगी यह तो वक़्त आने पर ही पता चलेगा.

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर

 

भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीर
First Updated : Wednesday, 27 December 2023