Knowledge : क्या पानी के अंदर मछलियां भी सोती हैं ? जानिए क्या है इनके सोने का तरीका
Do fishes also sleep underwater : मछलियां उस तरह नहीं सोती हैं जैसे जमीन पर रहने वाले स्तनधारी जीव सोते हैं.अधिकांश मछलियां आराम करती हैं. आपने किसी मछली को सोते तो नहीं देखा होगा, लेकिन कभी-कभी मछलियों को पानी में आराम की मुद्रा में जरूर देखा होगा.
Do fishes also sleep underwater : जमीन में रहने वाले इंसानों और जानवरों को आपने सोते देखा होगा. अगर आपसे कोई सवाल पूछे की जमीन पर रहने वाले कौन से जीव सोते हैं या नींद लेते हैं तो आप आसानी से बता सकते हैं. लेकिन आपसे कोई पूंछे कि मछलियां भी सोती हैं या नहीं तो इसका जवाब हो सकता है यही दें कि हां सोती होंगी. लेकिन मछली की नींद की प्रकृति सक्रिय अनुसंधान का क्षेत्र है. हालांकि मछलियां उस तरह नहीं सोती हैं जैसे जमीन पर रहने वाले स्तनधारी जीव सोते हैं. अधिकांश मछलियां आराम करती हैं. आपने किसी मछली को सोते तो नहीं देखा होगा, लेकिन कभी कभी मछलियों को पानी में आराम की मुद्रा में जरूर देखा होगा. लेकिन इससे इस बात का जवाब नहीं मिलता की मछलियां सोती हैं. क्योंकि उनकी पलकें भी नहीं होती हैं जिससे पता चल सके कि वे जाग रही हैं या सो रही हैं. ऐसे में मछलियों के सोने की कहानी दिलचस्प हो जाती है. आइए जानते हैं कि इस क्या विज्ञान कहता है.
आराम की मुद्रा में मछलियां
आपने पानी के अंदर मछलियों को निष्क्रिय अवस्था में पहुंचते देखा होगा, जिससे लगता है कि शायद मछलियां सो रही हैं. मछलियों में यह अवस्था एक लंबे समय तक की अवधि के लिए होती है या फिर ऐसे कई छोटे छोटे दौर होते हैं. लेकिन क्या इन बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि मछलियां सोती हैं या वे सिर्फ आराम करती हैं.
मछलियां कैसे आराम करती हैं
मछलियां आराम के लिए पानी के नीचे के हिस्से में चली जाती हैं या वे बिना किसी गतिविधि के तैरती रहती हैं. यह भी सवाल है. तो बता दें कि डैमसेल मछली मूंगे की चट्टानों की शाखाओं में शरण लेती हैं. जबकि वेल्स कैटफिश नाम की मछली आसपास के पौधों के पास पहुंच जाती हैं. वहीं पैरटफिश मछली रात में पानी के नीचे जाती है और अपने आसपास एक म्यूकस चैम्बर बना लेती हैं जो उन्हें परजीवियों से बचाता है.
कुछ अलग तरह के संकेत भी
इस तरह के भी प्रमाण मिलते हैं कि मछलियों के लिए नींद भी एक आवश्यकता है. देखा गया है कि सिकलिड मछली के आराम के समय में बाधा पड़ने का असर उसके अगले दिन की सक्रियता पर पड़ता है. जबकि जेबरा मछली “नींद” में बाधा पड़ने पर आराम करने के अगले मौके को तलाशने लगती है.
ऐसे बर्ताव भी दिखते हैं
कई मछलियां, जैसे ट्यूना और माकेरेल नींद या आराम की स्थिति में समूह से अलग हो जाती हैं. मैक्वायर यूनिवर्सिटी के क्यूलम ब्राउन दकन्वरसेशन में लिखते हैं कि ट्यूना और कुछ शार्क सांस ले सकें, इसलिए तैरती रहती हैं. हो सकता है कि वे डॉलफिन की तरह अपने आधे दिमाग को ही सुलाती हों. लेकिन एक संभावना यह भी है कि उनके दिमाग में संसाधित करने लायक अधिक यादें नहीं होती हैं.
इसके बावजूद कुछ मछलियां ऐसी ही होती हैं जो सोती ही नहीं है और यह बहुत ही बड़ा अपवाद है. वहीं इस बात के कम संकेत मिले हैं कि मछलियां भी स्तनपायी औरअन्य जानवरों की तरह आराम या नींद का अनुभव करती हैं जिसमें आंख की मांसपेशियां हिलती हैं, लेकिन साफ है कि मछलियों में नींद की प्रक्रिया का विकास अलग ही तरह से हुआ है.