पांच राज्यों में गुरुवार को चुनाव खत्म होने के बाद तमाम एग्जिट पोल सामने आए, जिनमें बीजेपी और कांग्रेस को दो- दो राज्यों में जीत के करीब बताया. वहीं मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट की वापसी की ओर इशारा किया. भारत में जब भी आखिरी दौर का चुनाव खत्म होता है उसी शाम में एग्जिट पोल के नजीजे सामने आते हैं. लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां एग्जिट पोल पर प्रतिबंध है. चुनावी हार जीत से संबंधित आंकलन अंदाजे को न्यूज चैनल दिखा नहीं सकते हैं.
भारत में कितना पुराना है एग्जिट पोल का इतिहास?
भारतीय इतिहास को देखें तो एग्जिट पोल का इतिहास 03 दशक से ज्यादा पुराना नहीं है. देश में जब निजी न्यूज चैनल शुरू हुए उसके बाद देश में एग्जिट पोल जैसी चीजें सामने आईं. अगर भारत के अवाला अमेरिका और यूरोपीय देशों की बात करें तो यहां एग्जिट पोल का पुराना चलन है.
कई देशों में एग्जिट पोल प्रतिबंधित या सशर्त
दुनिया में कई ऐसे देश भी हैं जहां एग्जिटल पोल को प्रतिबंधित किया गया है या फिर बहुत कड़े नियमों के तहत उनको यह करने की मंजूरी दी गई है. यूरोप में 16 देश हैं, जहां ओपिनियन पोल की रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध है. ये प्रतिबंध चुनावी दिन से 24 घंटे पहले से लेकर एक महीने पहले तक है.
ओपिनियन और एग्जिट पोल इन देशों में 07 दिन पहले बैन
इटली, स्लोवाकिया और लक्जमबर्ग में किसी भी तरह के ओपिनियन पोल या एग्जिट पोल को चुनाव के 07 दिनों पहले बैन कर दिया जाता है.
ब्रिटेन में एग्जिट पोल्स पर क्या होता है ?
ब्रिटेन में ओपिनियन पोल को लेकर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है, लेकिन मीडिया यहां एग्जिट पोल्स के नतीजे तब तक नहीं दे सकते जब तक वोटिंग पूरी तरह खत्म नहीं हो जाती है.
अमेरिका में मीडिया क्या करता है
अमेरिका में ओपिनियन पोल्स मीडिया कभी भी दे सकता है, लेकिन एग्जिट पोल वहां भी चुनाव में मतदान पूरी तरह खत्म होने के बाद ही दिए जाते हैं.
जर्मनी में एग्जिट पोल है अपराध
जर्मनी में एग्जिट पोल्स को अपराध माना जाता है. हालांकि इसमें भी शर्त है अगर इसे चुनावी मतदान से पहले ही शुरू कर दिया जाए तब यह अपराध है.
बुल्गारिया में इसको लेकर हैं कड़े कानून
बुल्गारिया में चुनाव के दिन एग्जिट पोल के नतीजे देना कानूनी तौर पर गलत माना जाता है. ऐसा नहीं किया जा सकता है. हालांकि बाद में एग्जिट पोल जारी करने अपराध नहीं है.
सिंगापुर में पूरी तरह बैन
सिंगापुर में एग्जिट पोल पूरी तरह से बैन है. वहां चुनावों को किसी भी तरह से प्रभावित करना अपराध के दायरें में आता है. लिहाजा इसको लेकर बहुत कड़ाई रहती है.
First Updated : Friday, 01 December 2023