knowledge : आज कहानी रूसी कमांडर मिखाइल कलाश्निकोव की जिन्होंने AK-47 राइफल बनाई

Who Was Mikhail Kalashnikov : इस राइफल की रेंज 300-350 मीटर के दायरे में आने वाले दुश्मन का बचना लगभग नामुमकिन है. कहा जाता है कि इस राइफल की वजह से हर साल 2.50 लाख लोग मारे जाते हैं. AK-47 दुनिया में सबसे ज्‍यादा प्रचलित हुआ हथियार है.

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Mikhail Kalashnikov : मिखाइल टिमोफेयविच कलाश्निकोव रूसी सेना में कंमांडर और सेना में हथियार निर्माण यूनिट में इंजीनियर थे. आज 23  दिसंबर को उनकी डेथ एनवर्सरी है. मिखाइल टी कलाश्निकोव ने अपने जमाने की सबसे खतरनाक राइफल AK-47 का अविष्कार किया था. यह राइफल आज भी एशिया और अफ्रीका महाद्वीप में सुरक्षा बलों के साथ-साथ आतंकी संगठनों के बीच काफी लोकप्रिय है. 

इस राइफल की रेंज 300-350 मीटर के दायरे में आने वाले दुश्मन का बचना लगभग नामुमकिन है. कहा जाता है कि इस राइफल की वजह से हर साल 2.50 लाख लोग मारे जाते हैं. AK-47 दुनिया में सबसे ज्‍यादा प्रचलित हुआ हथियार है. ऐसा माना जाता है कि दुनिया में 10 करोड़ से अधिक AK-47 राइफल बिकी हैं. कंपनी ने अपनी छवि सुधारने के लिए इसे शांति का हथियार (वेपंस ऑफ पीस) बताया है. 

बतौर टैंक मैकेनिक सेना से जुड़े

कविताओं से प्रेम करने वाले मिखाइल कलाश्निकोव का जन्म 10 नवंबर 1919 को हुआ था. मशीनों से मोहब्बत के चलते वह इंजीनियर बने और सोवियत संघ की सेना में टैंक मेकैनिक के रूप में शामिल हो गए. बात दूसरे विश्व युद्ध के दौरान की है. सोवियत संघ पर जर्मनी की सेना के जोरदार आक्रमण के चलते कलाश्निकोव घायल हो गए. उस दौरान हिटलर की सेना के पास बेहतरीन हथियार देखकर कलाश्निकोव के दिल में जलन के साथ ही साथ अपनी सेना को भी अव्वल हथियार देने की ख्वाहिश जगी तो शुरू हो गया एक बेहतरीन हथियार को विकसित करने का सफर.

1947 में हुआ पहला ट्रायल

रूस में मिखाइल कलाश्निकोव की AK-47 राइफल का पहला मिलिट्री ट्रायल साल 1947 में हुआ. इसके बाद यह राइफल रूस की सेना में शामिल हुई. अमेरिका में इस बंदूक को 'दुश्मन का हथियार' कहा जाता है. इसके बावजूद अमेरिकी बंदूक प्रेमी और सैनिक इसे बहुत पसंद करते हैं.

AK का मतलब क्‍या है?

AK का पूरा नाम रूसी भाषा में एवतोमैत कलाश्निकोव (Avtomat Kalashnikov) है. सामान्य भाषा में इसे कलाश्निकोव बुलाया जाता है. इसका नाम इसे बनाने वाले सीनियर सार्जेंट मिखाइल कलाश्निकोव के नाम पर रखा गया है.

कौन थे मिखाइल कलाश्निकोव

द्वितीय विश्व युद्ध के समय रूसी सेना में मिखाइल कलाश्निकोव टैंक कमांडर थे. वो एक लड़ाई के दौरान घायल हो गए थे. उन्हें जर्मन हथियार और उनकी डिजाइन बहुत पसंद आती थी. वो खुद ऐसी राइफल बनाना चाहते थे, जो बिना फंसे लगातार किसी भी मौसम और किसी भी परिस्थिति में गोलियां बरसा सके. पांच साल इंजीनियरिंग करने के बाद पूर्व कृषि इंजीनियर मिखाइल कलाश्निकोव ने AK-47 बनाई. 23 दिसंबर आज ही के दिन साल 2013 में उनकी मौत हो गई थी. 

बेहद खतरनाक है AK-47 

यह राइफल ऑटोमैटिक सेंटिंग के अंदर 600 राउंड गोली फायर कर सकता है. इसमें 7.62x39 mm की गोलियां भरी जाती हैं. सेमी-ऑटो मोड में 40 राउंड प्रति मिनट और बर्स्ट मोड में 100 राउंड प्रति मिनट इससे गोलियां निकलती हैं. आमतौर पर इसकी रेंज (Range) 350 मीटर है. First Updated : Saturday, 23 December 2023