कोलकाता केस: 'तो क्या संजय रॉय को जमानत दें', जज को क्यों आया गुस्सा?

kolkata case: कोलकाता की एक अदालत में आरजी कर अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपी संजय रॉय की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी, जिस दौरान सीबीआई के वकील 50 मिनट देरी से पहुंचे। इस देरी से नाराज जज ने टिप्पणी करते हुए कहा, "क्या मुझे संजय रॉय को जमानत दे देनी चाहिए?"

JBT Desk
JBT Desk

kolkata case: कोलकाता की एक अदालत में शुक्रवार को आरजी कर अस्पताल में हुए बलात्कार-हत्या के मामले के संदिग्ध संजय रॉय की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी.  यहां सीबीआई के वकील की देरी के कारण अदालत को 50 मिनट तक इंतजार करना पड़ा. इस दौरान अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पामेला गुप्ता ने सीबीआई अधिकारी से नाराजगी जताई और कहा कि क्या उन्हें रॉय की जमानत याचिका स्वीकार कर लेनी चाहिए?

सीबीआई अधिकारी ने शाम 4:10 बजे बताया कि सरकारी वकील अभी तक नहीं पहुंचे हैं. इस पर मजिस्ट्रेट ने कहा, "अगर वकील उपलब्ध नहीं हैं, तो रॉय को जमानत मिलनी चाहिए." जब कुछ और मिनट बीत गए और वकील दीपक पोरिया अभी भी नहीं पहुंचे, तो मजिस्ट्रेट ने सीबीआई अधिकारी को वकील को फोन करने का निर्देश दिया.

अधिकारी कोर्ट रूम से बाहर जाकर फोन करने गईं और 15 मिनट बाद लौटकर बताया कि वकील आ रहे हैं. वकील पोरिया जब शाम 5:00 बजे कोर्ट पहुंचे. तब बचाव पक्ष की वकील कविता सरकार ने सवाल उठाया कि सीबीआई का प्रतिनिधित्व पहले से उपस्थित वकील क्यों नहीं कर रहे हैं.

बचाव पक्ष के तर्क और सीबीआई की प्रतिक्रिया

पोरिया ने बिना किसी ठोस कारण के सिर्फ यह कहा कि सीबीआई रॉय की जमानत याचिका का विरोध करती है. इसके बाद मजिस्ट्रेट पामेला गुप्ता ने रॉय को 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. बचाव पक्ष की वकील कविता सरकार ने रॉय की जमानत का समर्थन करते हुए कहा कि उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. उनके खिलाफ कोई अन्य मामला भी लंबित नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई ने अभी तक कोई ठोस सबूत अदालत में पेश नहीं किया है.

मामले की सीबीआई जांच और संदिग्ध पर आरोप

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. सीबीआई के अनुसार, संजय रॉय, जो पहले नागरिक यातायात पुलिस के स्वयंसेवक थे. 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले में एकमात्र संदिग्ध हैं. हालांकि, पीड़िता के परिवार को संदेह है कि इस घटना में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं, लेकिन सीबीआई के पहले रिमांड नोट में 'सामूहिक बलात्कार' का जिक्र नहीं था.

calender
07 September 2024, 09:59 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

Subscribe to Our YouTube Channel!

Stay updated with our latest videos. Click the button below to subscribe now!