डॉक्टरों के आगे झुकी ममता सरकार, मानी ये सारी मांग; क्या होगा एक्शन?
Kolkata Case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीता गोयल को उनके पद से हटाने की घोषणा की. यह निर्णय प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद विरोध कर रहे डॉक्टरों के साथ छह घंटे लंबी बैठक के बाद लिया गया. हालांकि, सरकार की ओर से 3 मांग मान लेने के बाद भी डॉक्टर अभी भी अपनी 2 मांगों के लिए विरोध जारी रखेंगे.
Kolkata Case: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले को लेकर विरोध कर रहे डॉक्टरों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक की है. इसके बाद उन्होंने जूनियर डॉक्टरों की मांगों को स्वीकार करते हुए पुलिस विभाग में बदलाव के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को पद से हटाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. हालांकि, डॉक्टरों ने 5 मांगे रखी थी. इसमें से महज 3 को माना गया है. इस कारण अभी विरोध जारी रखने की बात कही जा रही है.
बता दें इस विरोध की शुरुआत एक 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के बाद हुई थी. इस घटना ने पूरे देश में गुस्से की लहर पैदा कर दी थी, और पश्चिम बंगाल के डॉक्टर न्याय और अस्पतालों में सुरक्षा के इंतजामों की मांग कर रहे हैं. घटना को लेकर देशभर में भी चर्चा हो रही है.
- कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (उत्तर), जिन पर पीड़िता के परिवार ने रिश्वत लेने का आरोप लगाया है, उन्हें भी हटाया जाएगा
- सरकार ने डॉक्टरों की चार मांगों को स्वीकार किया, जिनमें सीबीआई जांच पहले से ही शुरू हो चुकी है
- डॉक्टरों ने पुलिस आयुक्त के हटाए जाने का स्वागत किया, लेकिन कहा कि वे तब तक विरोध जारी रखेंगे जब तक सभी वादे पूरे नहीं हो जाते
डॉक्टरों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की चार प्रमुख मांगों को स्वीकार करने की बात कही है, जिनमें से एक सीबीआई जांच पहले से ही जारी है. इसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा निदेशक कौस्तव नायक और स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक देबाशीष हलदर को भी उनके पदों से हटा दिया गया है.
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
डॉक्टरों की अन्य मांगों में स्वास्थ्य सचिव को हटाने की भी बात थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई है. बैठक के बाद ममता बनर्जी ने मीडिया से कहा कि मैंने विरोध कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया है क्योंकि उनकी पांच में से तीन मांगें मान ली गई हैं. किसी भी डॉक्टर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि एक समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे.
आंदोलन जारी रहेगा: डॉक्टरों का बयान
डॉक्टरों ने ममता बनर्जी द्वारा की गई घोषणाओं का स्वागत किया लेकिन उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं होते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीता गोयल को हटाना हमारी नैतिक जीत है. जब तक भ्रष्टाचार के मामले और स्वास्थ्य विभाग में सुधार नहीं होते, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सरकार के कदम
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की सुरक्षा और अस्पतालों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने 100 करोड़ का बजट मंजूर किया है. इसमें सीसीटीवी, वॉशरूम और सुरक्षा उपायों का समावेश होगा. साथ ही डॉक्टरों के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित की जाएगी. मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा किया जाएगा. वे शांतिपूर्ण ढंग से अपने कार्यों पर लौट सकते हैं.